मुजफ्फरपुर के मुकेश भट्ट ने छोटे-छोटे किरदारों से बाॅलीवुड में बनाया बड़ा नाम!
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मुजफ्फरपुर के मुकेश भट्ट ने छोटे-छोटे किरदारों से बाॅलीवुड में बनाया बड़ा नाम!

Mukesh Bhatt-Filmynism

मुजफ्फरपुर के मुकेश भट्ट (Mukesh Bhatt) जब एमएस धोनी (MS Dhoni) फिल्म में कमेंट्री करते हैं तो कमेंटेटर दिखने लगते हैं। जब अक्षय कुमार की चर्चित फिल्म स्पेशल 26 (Special 26) में मंत्री के पीए की भूमिका निभाते हैं तो असली पीए नजर आते हैं। जब उन्होंने नसीरुद्दीन शाह की फिल्म अ वेडनेसडे (A Wednesday) में आतंकवादी का रोल किया तो पूरी तरह उसी किरदार में ढल गए।

मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के भरथुआ गांव के मूल निवासी मुकेश (Mukesh Bhatt) छोटे-छोटे किरदारों से मुम्बई फिल्म जगत में आज बड़ी पहचान बना चुके हैं। अब तो लंबी और प्रमुख भूमिकाएं भी उनके खाते में आ रही हैं। मुजफ्फरपुर-दिल्ली के थियेटर में अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हुए मुकेश के अभिनय कौशल में निखार आया। मुम्बई के पृथ्वी थियेटर में दमदार अभिनय की बदौलत फिल्मकारों का ध्यान खींचने में सफल रहे।

कंपनी, दबंग-टू, प्रेम रतन धन पायो, बंटी और बबली, बत्ती गुल मीटर चालू, रॉकेट सिंह, स्पेशल 26, भूतनाथ समेत दर्जनों चर्चित फिल्मों में मुकेश भट्ट (Mukesh Bhatt) ने अपने किरदार के माध्यम से अलग छाप छोड़ी है। आज की तारीख में वे हिन्दी फिल्मों में रोचक और रोमांचक किरदारों के शहंशाह बन चुके हैं। शहर के बालू घाट मोहल्ला स्थित घर पर मां सुभद्रा देवी से मिलने पहुंचे मुकेश भट्ट बताते हैं कि उनका काम फिल्म को थोड़ी उर्जा देना है। वे हर रोल को एक अलग ऐंगल से देखते हैं और स्टोरी में स्पार्क करते हैं।

मुजफ्फरपुर-दिल्ली के थियेटर में अलग-अलग भूमिकाएं निभाते हुए मुकेश के अभिनय कौशल में निखार आया। मुम्बई के पृथ्वी थियेटर में दमदार अभिनय की बदौलत फिल्मकारों का ध्यान खींचने में सफल रहे।

आज मुकेश (Mukesh Bhatt) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। चुनौतीपूर्ण और लंबी भूमिकाएं आज खुद उनके पास आ रही हैं। मुकेश के संघर्ष आत्मविश्वास और मेहनत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। वाकई यह जानना रोचक है कि एक कस्बाई शहर का युवक मुजफ्फरपुर के थिएटर से चलकर मुंबई फिल्म में कैसे अपनी जगह बनाता है।

Mukesh Bhatt

एमएस धोनी (MS Dhoni) फिल्म में मुकेश (Mukesh Bhatt) क्रिकेट मैच की लाइव कमेंट्री करते हुए कहते हैं- यह लंबी रेस का घोड़ा है। वास्तव में वे आज खुद लंबी रेस का घोड़ा बन चुके हैं। वे अ वेडनेसडे में नसीरुद्दीन शाह के सहयोगी आतंबादी हैं। स्क्रिप्ट देखने के बाद उन्होंने निर्देशक से पूछा- क्या मैं इस रोल में पान खा सकता हूं। हालांकि व्यक्तिगत जीवन में वे पान नहीं खाते हैं, परन्तु निर्देशक की हरी झंडी मिलते ही उन्होंने 40 बार पान चबाकर अपनी भाव-भंगिमा में मौलिकता लाई। उनके किरदार को खूब पसंद किया गया।

भूतनाथ रिटर्नस (Bhootnath Returns) में स्वर्ग लोक में भूत बने हैं, जहां भूतनाथ की भूमिका निभा रहे अमिताभ बच्चन से उनकी मुलाकात हुई। इस मुलाकात की शूटिंग मुम्बई में हुई। विशेष इजाजत पर जब अमिताभ बच्चन चुनाव लड़ने के लिए दोबारा धरती पर पहुंचते हैं तो उनके साथ मुकेश भट्ट (Mukesh Bhatt) भी पहुंचते हैं। बूथ पर मुकेश देखते हैं कि मौत के बावजूद उनका नाम वोटर लिस्ट में कायम है और एक व्यक्ति उनके नाम पर फर्जी मतदान करने जा रहा है। भूत मुकेश ने उस व्यक्ति से जबरन अपनी पसंद के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कराया। रणवीर कपूर की फिल्म रॉकेट सिंह में भी उन्होंने अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। वेब सीरीज मिर्जापुर-1 में उनका किरदार चमक उठा। आजकल बनारस में एक वेब सीरीज की शूटिंग चल रही है। वहीं से मौका निकालकर महाशिवरात्रि के मौके पर भरथुआ के नमोनाथ मंदिर में पूजा करने आ गए।

मुकेश को अपनी मिट्टी से बहुत लगाव है। जब कभी फुर्सत मिलती है, वे मुजफ्फरपुर चले आते हैं और पुरानी यादों में खो जाते हैं। हाल में वे मुजफ्फरपुर आए। रिक्शा से अपने बचपन के शहर को देखने के लिए उनका दिल मचल उठा।

मुकेश भट्ट (Mukesh Bhatt) ने मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के प्रभात तारा स्कूल में आरंभिक शिक्षा ली। इनके पिता शिवशंकर प्रसाद राय सेना से रिटायर होने के बाद बैंक में नौकरी करते थे। पापा साइकिल पर बैठकर स्कूल ले जाते थे। चंद्रलोक चैक के निकट रेलवे गुमटी पर ट्रेन देखने के लिए पापा से साइकिल रोकने का आग्रह करते। ट्रेन देखकर मुकेश रोमांचित हो जाता करते थे। पढ़ने में मेधावी थे, परन्तु छात्र जीवन से ही अभिनय के प्रति आकर्षण था। मुजफ्फरपुर की नाट्य संस्था कायाकल्प से अभिनय की शुरूआत की। जब महसूस हुआ की इसकी पढ़ाई जरूरी है तो दिल्ली के श्रीराम सेंटर में दाखिला लिया। वहां से मुम्बई की सड़कों पर संघर्ष करने पहुंच गए। अंततरू पृथ्वी थियेटर में ठौर मिला।

मुकेश (Mukesh Bhatt) को अपनी मिट्टी से बहुत लगाव है। जब कभी फुर्सत मिलती है, वे मुजफ्फरपुर चले आते हैं और पुरानी यादों में खो जाते हैं। हाल में वे मुजफ्फरपुर आए। रिक्शा से अपने बचपन के शहर को देखने के लिए उनका दिल मचल उठा। भगवानपुर चैक पर जब रिक्शा वाले को बालू घाट चलने का आदेश दिया तो वह भी अचंभित हुआ! ऑटो उपलब्ध होने के बावजूद रिक्शा पर इतनी लंबी यात्रा? ₹120 लगेंगे, मुकेश ने कहा मैं तुझे 150 दूंगा! रिक्शावाला फूले न समाया। रास्ते भर रोमांचित हो कर एक- एक मकान, मार्केट और दुकान से परिचय कराते चला। महाशिवरात्रि के मौके पर मुकेश अपने गांव भरथुआ पहुंचे। ऐतिहासिक नमोनाथ मंदिर में रुद्राभिषेक किया और शहर लौट कर बचपन के दोस्तों के ठिकाने ढूंढने लगे।


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