बेतिया से अमेरिका तक का बिंदास सफर, आगे आसमां बाकी है…
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बेतिया से अमेरिका तक का बिंदास सफर, आगे आसमां बाकी है…

Richa Sharma Bettiah

एक बिहारी सौ पर भारी, यह कहावत पहले भी सच था और अब भी सौ आने सच। जी हां, बिहार (Bihar) के लोग हमेशा कुछ नया और बेहतर करने में विश्वास करते हैं। और जब बात यहां की बेटी की हो, तो हमेशा दो कदम आगे ही रहती हैं। आज बात बेतिया (Bettiah) जिले की रिचा शर्मा (Richa Sharma) की।
रिचा की फिल्म ‘ललक’ को अमेरिका में होने वाले द सीन फेस्टिवल (The Scene Festival) बेस्ट फिल्म का अवार्ड दिया जाएगा। फिल्म फेस्टिवल (Film Festival) के लिए अलग-अलग देशों से फिल्मों का चयन किया गया था और भारत से मात्र दो फिल्में इस लिस्ट में शामिल हुई थी। विनर के लिए ऑनलाइन वोटिंग की प्रक्रिया रखी गई थी, जिसमें रिचा शर्मा के फिल्म ललक (Lalak) पंद्रह हजार वोटों के अंतर से जीत गई। आगामी 24 अक्टूबर को उन्हें अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में सम्मानित किया जाएगा।

बता दें रिचा शर्मा ने इस फिल्म को लिखा है। इसके पहले भी रिचा के द्वारा लिखी हुई फिल्में कई फिल्म फेस्टिवल के लिए सेलेक्ट हो चुकी है रिचा के फिल्म तिरंगा कोशी फिल्म फेस्टिवल (Koshi Film Festival), मधुबनी फिल्म फेस्टिवल (Madhubani Film Festival), नेट्टीवुड फिल्म फेस्टिवल (nettywood film festival), इंडोगमा फिल्म फेस्टिवल (indogma film festival) में भी अवॉर्ड जीत चुकी है। इससे पहले फिल्म ललक को औरंगाबाद फिल्म फेस्टिवल (Aurangabad Film Festival) और सारण फिल्म फेस्टिवल (Saran Film Festival) में भी प्रदर्शित किया गया था। बतौर स्क्रिप्ट राइटर रिचा का कहना है कि ये जीत सिर्फ बेतिया, बिहार की नहीं है ये जीत भारत की जीत है विदेशी फिल्मों को हमारी फिल्म ने जबरदस्त टक्कर दी है। मैं काफी खुश हूं। रिचा के पिता आरटीआई निवासी राम जन्म शर्मा को पता नहीं है। रिचा का कहना है क्योंकि मैं पेशे से पत्रकार हूं तो पापा नहीं चाहते कि मैं अपने मार्ग से भटक जाऊं।

Richa Sharma

Filmynism से बातचीत में रिचा शर्मा ने कहा कि स्क्रिप्ट राइटिंग मेरा शौक है और पत्रकारिता मेरा व्यवसाय है निश्चित ही पापा इस जीत से खुश होंगे क्योंकि आज मैं जो कुछ हूं पापा की वजह से हूं। लिखने का शौक पापा से ही प्रेरित है। रिचा ने कहा कि इतने छोटे जगह से एक मिडिल क्लास फैमिली से निकलकर समाज में अपनी जगह बनाना अपनी पहचान बनाना इतना आसान नहीं है। पढ़ाई के दरमियान पापा ने मैं मुश्किल से पैसे जुटाकर मुझे बढ़ाएं शायद इस जीत से मैं उन्हें कुछ पेबैक कर पाऊं। आगे भी अपनी लेखनी के दम पर वो अच्छी-अच्छी फिल्में बनाएंगे और जिले का नाम रोशन करेंगी।

बतौर स्क्रिप्ट राइटर रिचा का कहना है कि ये जीत सिर्फ बेतिया, बिहार की नहीं है ये जीत भारत की जीत है विदेशी फिल्मों को हमारी फिल्म ने जबरदस्त टक्कर दी है। मैं काफी खुश हूं। स्क्रिप्ट राइटिंग मेरा शौक है और पत्रकारिता मेरा व्यवसाय है निश्चित ही पापा इस जीत से खुश होंगे क्योंकि आज मैं जो कुछ हूं पापा की वजह से हूं। लिखने का शौक पापा से ही प्रेरित है।

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