बॉलीवुड के दिग्गज लेखक व गीतकार में शुमार जावेद अख्तर (Javed Akhtar) को तर्कसंगत विचार, धर्मनिरपेक्षता को अहमियत देते हुए मानव विकास और मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए 2020 के प्रतिष्ठित रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार से नवाज़ा गया है.
जावेद अख्तर रिचर्ड डॉकिंस पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय बन गए हैं. यह पुरस्कार विज्ञान, शोध, शिक्षा या मनोरंजन के क्षेत्र से एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को दिया जाता है, जो सार्वजनिक रूप से तर्कसंगत होकर धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए प्रयास करता है. जावेद अख्तर की पत्नी व प्रख्यात अभिनेत्री शबाना आज़मी ने कहा कि आज के समय में जब धर्मनिरपेक्षता खतरे में हैं तो इस पुरस्कार की प्रासंगिकता बढ़ जाती है.
मीडिया रिपोर्ट पीटीआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक शबाना आज़मी ने बताया कि वो इस सम्मान से काफी खुश हैं. ये पुरस्कार अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के समय में जब सभी धर्मों के धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा धर्मनिरपेक्षता पर हमला किया जा रहा है तो यह पुरस्कार धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जावेद के प्रयासों को प्रमाणित कर रहा है.”