Shakuntala Devi Review: अद्भुत गणितज्ञ की कहानी जिसने इतिहास रचा
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Shakuntala Devi Review: अद्भुत गणितज्ञ की कहानी जिसने इतिहास रचा

फिल्म ‘शकुंतला देवी: ह्यूमन कम्प्यूटर’, जो ओटीटी प्लैटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई है। आम लोगों के लिए गणित एक नीरस विषय रहा है, लेकिन फिल्म में इसे बहुत दिलचस्प तरीके से पेश किया गया है। पटकथा को काफी शोध करके लिखा गया है। संवाद भी बहुत दिलचस्प हैं।

यह फिल्म जिंदगी से भरपूर एक असाधारण महिला की रोचक कहानी है। इसे बढ़िया तरीके से बनाया गया है, जिसे देख कर प्रेरणा मिलती है। फिल्म की कहानी की मुख्य भूमिका शकुंतला देवी की बात करें तो शकुंतला देवी का जन्म 1929 में बैंगलोर में एक हिंदू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जब वह तीन साल की थी, तब उनके माता पिता को उनके डिजिट्स याद रखने की कैपेसिटी के बारे में पता चला था।

शकुंतला देवी की प्रतिभा को 1982 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guiness Book Of World Records) में भी जगह मिली। उन्हें एक जगह इसलिए मिली क्यूंकि उन्होंने बिना किसी कंप्यूटर की मदद लिए 28 सेकंड में दो 13 अंकों की संख्या को मल्टीप्लाई किया था।

शकुंतला देवी महज एक अद्भुत गणितज्ञ भर नहीं थी। वह स्त्री सशक्तीकरण का जबर्दस्त उदाहरण भी थीं। जब ‘फेमिनिज्म’ जैसे शब्द चलन में भी नहीं थे, तब उन्होंने स्त्री स्वतंत्रता की मिसाल पेश की। एक ह्यूमन – कंप्यूटर के रूप में अपने काम के अलावा, देवी एक फेमस एस्ट्रोलॉजर और कई पुस्तकों की लेखक थी, जिसमें कुकबुक और नोवेल्स भी शामिल थी। देवी का 83 वर्ष की आयु में 21 अप्रैल, 2013 को हार्ट अटैक और रेस्पिरेटरी प्रोब्लेम्स (respiratory problems) के कारण बैंगलोर में निधन हो गया।

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