आज़ाद भारत की पहली हॉरर फिल्म जिसने ब्रिटिश हुकूमत के भी रोंगटे खड़े कर दिए थे
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आज़ाद भारत की पहली हॉरर फिल्म जिसने ब्रिटिश हुकूमत के भी रोंगटे खड़े कर दिए थे

हिंदी सिनेमा की शुरुआत 1912 के बाद हुई थी। यही वजह रही कि आजादी से पहले के सिनेमा में ब्रिटिश लोगों का कहीं न कहीं से जुड़ाव रहता था, लेकिन भारत के आजाद होने के बाद एक से बढ़कर एक फिल्में बनाईं गईं।

आज हम आपको उन्ही पुरानी इतिहास की कुछ फिल्मों से रु ब रु कराने जा रहे हैं। ब्रिटिश हुकूमत से आजाद होने के बाद भारत की पहली हॉरर फिल्म थी महल। यह फिल्म साल 1949 में आई थी। भारत के आजाद होने के बाद की पहली हॉरर का श्रेय इसे ही जाता है।

फिल्म महल में दिग्गज अभिनेता अशोक कुमार और अभिनेत्री मधुबाला मुख्य भूमिका में थीं। इस फिल्म का निर्देशन बॉलीवुड के दिग्गज निर्माता- निर्देशक कमाल अमरोही ने किया था। फिल्म महल को साल 1949 बड़े पर्दे पर दर्शकों का खूब प्यार मिला था।

दरअसल फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला की है जिसका नाम कामिनी (मधुबाला) होता है। कामिनी अपने प्रेमी का लंबे समय से महल में इंतजार कर रही होती है, लेकिन प्रेमी की नाव पानी में डूब जाती है और वह मर जाता है। उसके कुछ दिन बात इंतजार करते हुए कामिनी महल में दम तोड़ देती है। 

कुछ समय बाद हरि शकंर (अशोक कुमार) उस महल में रहने आता है। जिसके बाद उसको कामिनी की पूरे महल में आवाज सुनाई देने लगती है। हरि शकंर कामिनी की आवाज सुनकर उसको चारों को ढूंढने लगता है। इस तरह फिल्म की कहानी आगे बढ़ती है। इस फिल्म में खेमचंद प्रकाश ने संगीत दिया था। फिल्म महल से कई लोगों ने नाम कमाया।

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