पाकिस्तान जाकर अपना घर देखना चाहते थे विनोद खन्ना
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पाकिस्तान जाकर अपना घर देखना चाहते थे विनोद खन्ना

बॉलीवुड के सबसे हैंडसम एक्टर कहे जाने वाले विनोद खन्ना की तीसरी पुण्यतिथि है। 27 अप्रैल 2017 को कैंसर से उनका निधन हुआ था। अपने आखिरी दिनों में उनकी एक इच्छा थी जो अधूरी रह गई। वो पाकिस्तान में अपना पुस्तैनी घर देखना चाहते थे।

बहरहाल, विनोद का नाम इंडस्ट्री के उन एक्टर्स में गिना जाता है जिन्होंने अपनी फिल्मी पारी में कई उतार-चढ़ाव देखे। विलेन बनकर कॅरिअर की शुरुआत की और फिर हीरो बनकर फिल्मी परदे पर छा गए।

विनोद खन्ना जो बचपन में बेहद शर्मीले थे, स्कूल के दौरान उन्हें एक टीचर ने जबरदस्ती नाटक में उतार दिया। यहीं से उन्हें एक्टिंग की तरफ रुझान हुआ। बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई के दौरान विनोद खन्ना ने ‘सोलवां साल’ और ‘मुगल-ए-आज़म’ जैसी फिल्में देखीं और इन फिल्मों ने उन पर गहरा असर छोड़ा और हीरो बनने के लिए बेताब हो गए। विनोद मुंबई के सिडेनहेम कॉलेज में पढ़ रहे थे। बॉलीवुड में किसी से कोई जान-पहचान नहीं थी। बस शक्ल-सूरत आकर्षक और सुन्दर थी। उनके साथ पढ़ने वाली लड़कियों उन्हें उकसाती कि इतनी शानदार पर्सनालिटी है, फिल्मों में ट्राय क्यों नहीं करते।

इसी बीच एक पार्टी के दौरान उन्हें निर्माता-निर्देशक सुनील दत्त से मिलने का अवसर मिला। सुनील उन दिनों अपनी फिल्म ‘मन का मीत’ के लिए नए चेहरों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने फिल्म में विनोद से बतौर को-एक्टर काम करने का ऑफर दिया। फिल्म तो पिट गई पर विनोद खन्ना की गाड़ी चल पड़ी। ‘मन का मीत’ की शूटिंग शुरू करने से पहले का वाकया भी बहुत मजेदार रहा।

सुनील दत्त से ऑफर मिलने के बाद जब ये बात विनोद ने घर पहुंचकर अपने पिता को बताई तो वे बहुत गुस्सा हुए। यहां तक कि उनके पिता ने उन पर पिस्तौल भी तान दी और कहा कि यदि तुम फिल्मों में गए तो तुम्हें गोली मार दूंगा। विनाेद अड़े रहे पर बाद में विनोद की मां ने बीच बचाव किया। उनकी समझाइश पर विनादे के पिता ने फिल्मों में दो वर्ष तक काम करने की इजाजत दे दी। उन्होंने शर्त रखी कि इंडस्ट्री में सफल नहीं हुए तो घर के बिजनेस में हाथ बंटाना होगा।

पहली फिल्म तो असफल रही, लेकिन इस फिल्म में उन्हें नोटिस किया गया। उन्हें फिल्मों में पैर जमाने की जगह मिल गई थी। इसके बाद ‘सच्चा झूठा’, ‘आन मिलो सजना’, ‘मेरा गांव मेरा देश’ जैसी फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने का अवसर मिला। विनोद खन्ना को अमिताभ बच्चन के बराबर स्टारडम वाला अभिनेता माना जाता था।

वॉन्टेड’, ‘दबंग’ और ‘दबंग 2’ में सलमान के पिता की भूमिका निभाई। आखिरी बार वह साल 2015 में शाहरुख खान की फिल्म ‘दिलवाले’ में दिखे थे। 27 अप्रैल को विनोद खन्ना के खास दोस्त एक्टर फिरोज खान की भी पुण्यतिथि है।

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