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#NepotismInBollywood : कभी सोनू सूद भी हुए हैं नेपोटिज्म के शिकार

आज सोनू सूद को कौन नहीं जानता जिन्होंने कोरोना काल में हुए lockdown के बाद कई प्रवासिए मजदूरों को बसों द्वारा घर भेजा। दरअसल सोनू सूद ने मॉडलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी. वहीँ फिल्म ‘शहीद-ए-आजम’ (2002) से बॉलीवुड में आगाज किया.

इस वक़्त सुशांत सिंह के आत्महत्या के बाद बॉलीवुड में नेपोटिस्म के खिलाफ बहुत बड़ी जंग शुरू हो चुकी है ऐसे में आपको बताते है कि कभी सोनू सूद भी इसके शिकार हुए है.

दरअसल साल 2017 में आईएएनएस को ईमेल से दिए साक्षात्कार में बताया था कि, ‘जब मैं फिल्म उद्योग में शामिल हुआ, तो निश्चित रूप से मुझे काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जब आप बाहर से (फिल्मी परविार से नहीं होना) होते हैं, तो कोई भी आप से नहीं मिलना चाहता, कोई भी आपकी बात नहीं सुनना चाहता और आपका काम नहीं देखना चाहता.’

उन्होंने कहा कि बाहरी होने के बावजूद उनका सफर अच्छा रहा है. सोनू ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह कितने सफल हैं, बल्कि वह अपने काम में हमेशा 100 फीसदी देने का प्रयास किया है.

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