बाॅलीवुड की ‘क्यूट गर्ल’ कही जाने वाली आलिया भट्ट अब सिंगल नहीं रहीं, इसी महीने उनकी शादी हो गई और अब वे रणबीर कपूर की दुल्हनियां बन चुकी हैं। ‘गंगुबाई काठियावाड़ी’ की थिएट्रिकल रिलीज के कुछ हफ्तों बाद ही आलिया भट्ट विवाह के बंधन में बंध गईं। अब जल्द ही गली बॉय रणवीर सिंह के साथ रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ और अपने सांवरिया रणबीर कपूर के साथ ब्रह्मास्त्र’ रिलीज होनी है।
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगुबाई काठियावाड़ी’ की चारों तरफ हो रही चर्चा से खुश आलिया भट्ट कहती हैं कि गंगूबाई और आलिया मेरे लिए एक ही सिक्के की दोनों पहलू है। वह एक ऐसी इंसान है, जिसके भीतर बचपना तो था ही। साथ ही एक ओल्डर मैच्योरिटी भी है। उसके भीतर गुस्सा बहुत था। साथ में ह्युमर भी बखूबी था। आलिया कहती हैं कि वह लोगों से प्यार भी करती है, पर उसे प्यार’ से नफरत भी है। वह अनप्रेडिक्टेबल है। उसकी पर्सनैलिटी को डिफाइन करना मुश्किल है।
दैनिक भास्कर में छपे इंटरव्यू में अपनी एक्टिंग को लेकर आलिया भट्ट कहती हैं कि जब कलाकार की आंखों में किरदार का अक्स झलकने लगे। किरदार अगर इमोशनली हेवी हो, मगर उसे निभाते वक्त एन्जॉयमेंट भी होने लगे तो तब समझिए कि कलाकार कैरेक्टर की स्किन में जा चुका है। किरदार की इंटेनसिटी और एंग्स्ट अलग अलग मोमेंट्स पर दिखने चाहिए। खासकर वो सब इमोशन आंखों से जाहिर होने लगे तो समझिए कि बात बन चुकी है। किरदार आप के दिल, दिमाग, बॉडी, सोल हर जगह रच बस चुका है।
आलिया भट्ट को ‘अमर’ बना दिया
अपनी फिल्मों के डायरेक्टर से कंपेयर के सवाल पर आलिया कहती हैं कि मैं कंपेयर नहीं करना चाहूंगी। जैसे हरेक का चलना अलग होता है। जो सेम भी दिखते हैं, पर पर्सनैलिटी अलग होती है। तो ऐसा कोई सिमिलर तरीका तो इन तीनों में नहीं ही है। मैं बस इतना कहूंगी कि सबके साथ एक्सपीरिएंस अलग और खास हैं। बड़े मेकर्स के मामलों में आलिया कहती हैं कि वे आप को उतनी इंपॉरटेंस देते हैं। नैरेशन देते हैं। वो आपसे कहेंगे कि आप अपना फीडबैक दीजिए। कोई टेकेन फॉर ग्रांटेड नहीं है। अब यह मुझ पर डिपेंड करता है कि नैरेशन नहीं सुनना है तो नहीं सुनती हूं। मगर असलियत यह है कि हर डायरेक्टर चाहता है कि एक्टर उनकी फिल्म का नैरेशन सुने।