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कुछ फिल्में पैसों और कुछ अपने दिल के लिए करता हूं : आदिल हुसैन

इस साल की बहुप्रशंसित फिल्म मुक्ति धाम में अभिनेता आदिल हुसैन ने एक हताश और काम के बोझ के तले दबे ऐसे बेटे की भूमिका अदा की थी, जिनके पिता अंतिम सांसे गिन रहे हैं. भविष्य में वह रजनीकांत की बहुप्रतीक्षित 2.0 और नीरज पांडे की अय्यारी में छोटी-छोटी भूमिकाओं में नजर आयेंगे. 54 वर्षीय अभिनेता ने बताया कि किसी अन्य कलाकार की तरह वह कुछ काम पैसों के लिए और कुछ काम अपनी आत्म संतुष्टि के लिए करते हैं. एक साक्षात्कार में हुसैन ने कहा, अय्यारी और 2.0 में छोटी भूमिकाएं हैं और यह मैं पैसों के लिए कर रहा हूं. मुक्ति भवन जैसी फिल्मों से पैसा नहीं मिलता है. ऐसे में मैं संतुलन बना कर काम करता हूं, कुछ पैसों के लिए और कुछ दिल के लिए करता हूं. इस साल शुभाशीष भूटानी के निर्देशन में बनी फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (विशेष जूरी द्वारा उल्लेख) जीतने वाले अभिनेता ने बताया कि आठ साल से अधिक समय तक लगातार काम करने के बाद वह अब एक अच्छे दौर से गुजर रहे हैं और वह अपने पहले प्यार थियेटर को कुछ समय देने के लिए तैयार हैं. हुसैन रंगमंच की अपनी अगली परियोजना में भगवद्गीता सार के सूत्रधार की भूमिका में होंगे. वह कास्टिंग निर्देशक दिलीप शंकर के साथ काम करेंगे और कृष्ण और अर्जुन दोनों की भूमिका अदा करेंगे. उन्होंने कहा कि फिल्मों से थियेटर की ओर जाना एक बडा कदम है लेकिन मैने अपने को सहज कर लिया है.ये मेरा प्रशिक्षण ही है जिसकी वजह से मैं दोनों माध्यमों में आता जाता रहता हूं. असमिया, बांग्ला, तमिल,मराठी और मलयालम भाषाओं की फिल्मों में हुसैन एक काफी लोकप्रिय कलाकार हैं.

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