जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को गम और गुस्से में डुबो दिया है। इस हमले में 26 मासूम लोगों की जान चली गई। हमले के बाद भारत में पाकिस्तान और पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर भी नाराजगी देखी जा रही है। पाकिस्तानी एक्ट्रेस हानिया आमिर ने कहा है, ‘आतंकियों को सज़ा दो, पूरे समुदाय को नहीं’, वहीं देश में सिनेमाघर मालिकों ने पाकिस्तानी ऐक्टर फवाद खान की ‘अबीर गुलाल’ को रिलीज नहीं करने का फैसला लिया है।
हानिया आमिर ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से इस हमले को लेकर कुछ ट्वीट किए और घटना को ‘कायरतापूर्ण और निंदनीय’ बताया। उन्होंने कहा, ‘पहलगाम में हुए आतंकी हमले से बहुत आहत हूं। निर्दोष मुसलमानों को इन घिनौने कृत्यों के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है। ‘आंख के बदले आंख’ वाला रवैया अंत में हम सबको अंधा कर देता है। आतंकियों को सज़ा दो, पूरे समुदाय को नहीं।’ हानिया ने आगे लिखा, ‘आतंकवादियों को ऐसी सज़ा मिलनी चाहिए कि कोई फिर से ऐसा कायरतापूर्ण काम करने की हिम्मत न करे।’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘आतंकवाद से लड़ने और उसे जड़ से खत्म करने के लिए शिक्षा एक जरूरी हथियार है।’
एक और ट्वीट में हानिया ने कहा, ‘हिंदू धर्म विनम्रता और अहिंसा का प्रतीक है, लेकिन यह हमला दिखाता है कि आतंकवाद किसी को नहीं बख्शता। इस्लाम जैसे संपूर्ण धर्मों को दोष देने से असली समस्या पर ध्यान भटक सकता है। हमें उग्रवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा, नफरत नहीं बातचीत से समाधान निकलता है।” हालांकि हानिया आमिर ने हमले की खुलकर निंदा की और शांति का संदेश देने की कोशिश की, लेकिन भारत में कई लोग उनकी बातों से सहमत नहीं हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग उनके पुराने बयानों और पाकिस्तान के कलाकारों के भारत में काम करने को लेकर बॉयकॉट की मांग कर रहे हैं। हलगाम हमले के बाद भारत में एक बार फिर पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर बहस तेज हो गई है। कई लोग चाहते हैं कि उन्हें भारत में काम करने की इजाजत न दी जाए। वहीं कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हमें कलाकारों को नहीं, आतंकवाद को निशाना बनाना चाहिए।
कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों को मारे जाने की घटना से पूरे देश में गुस्सा है। इस गुस्से के चलते ही हिंदी फिल्म ‘अबीर गुलाल’ की रिलीज डेट टाल दी गई है। इस फिल्म में पाकिस्तानी हीरो फवाद खान लीड भूमिका में हैं। इस फिल्म को महाराष्ट्र में रिलीज न होने देने की धमकी पहले ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता दे चुके हैं। इसके पहले फवाद खान की पिछली फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज के समय भी इसका खूब विरोध हुआ था। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी हिंदी फिल्म को दिखाने से सिनेमाघर मालिकों ने इन्कार कर दिया है।