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पौराणिक कथाएं उनके खून में है : राजमौली

बाहुबली श्रृंखला से विश्वभर की जनता को अपना मुरीद बनाने वाले फिल्म निर्माता एस एस राजमौली का कहना है कि उन्हें लगता है कि वह निर्देशक के मुकाबले ज्यादा बेहतर कथाकार हैं. उन्होंने कहा, मैं एक उम्दा कथाकार हूं. मैं अपने कलाकारों को सबसे बेहतर तरीके से पात्रों का विवरण देता हूं और वह इसमें दिलचस्पी लेने लगते हैं. मैं उनसे यह भी पूछता हूं कि किसी खास स्थिति में पात्र क्या प्रतिक्रिया देगा. मणिपाल में एक कार्यक्रम में छात्रों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाएं उनके खून में है. उन्होंने कहा कि वह बाल रामायण और तेलुगु भाषा में उपलब्ध राजाओं पर लिखी किताबें और अमर चित्र कथा की कॉमिक्स पढकर बडे हुए हैं. निर्देशक ने कहा कि महाभारत में उनका सबसे पसंदीदा पात्र कर्ण था. उन्होंने कहा कि उनकी कहानी को पढते हुए मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे और आंखों में आंसू आ जाते थे. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एक फिल्म में छायांकन से ज्यादा जरुरी कहानी और पटकथा होती है. एक फिल्म में कहानी का महत्व 80 फीसदी और छायांकन का महत्व 20 फीसदी निकल कर आता है. राजमौली ने कहा कि अपने अनुभव से अब वह निर्धारित कर सकते हैं कि किसी खास पात्र की भूमिका कौन सा कलाकार निभाएगा. इससे पहले, वह कहानी लिखने के बाद कलाकारों का चयन करते थे

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