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आर्मी का यूनिफाॅर्म पहनते ही पूरे बदन में एक जोश आ जाता है : दर्शन कुमार

Avrodh : Darshan Kumar (FILMYNISM)

उरी अटैक पर बनी वेबसीरीज ‘अवरोध: द सीज विदिन’ (Avrodh: The Siege Within) सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़ी ऐसी अनटोल्ड स्टोरी, जिसे आप बार-बार देखना चाहेंगे। अवरोध में मेजर रौनक गौतम के किरदार में हैं अभिनेता दर्शन कुमार। बाॅलीवुड के ‘द जेंटलमैन’ दर्शन कुमार (Darshan Kumar) ने इस सीरीज में शानदार एक्टिंग तो की ही, साथ ही देशभक्ति की उस भावना को करीब से जिया है, जो एक अलग अहसास दिलाती है।

वेबसीरीज अवरोध (Avrodh) में अपने किरदार के बारे में संजीत नारायण मिश्र से बातचीत में दर्शन कुमार कहते हैं कि इसमें मैं मेजर रौनक गौतम (Major Gautam) बना हूं। शूटिंग के दौरान जब यूनिफॉर्म पहना तो एक अलग ही फीलिंग आई थी। उस वर्दी का एक जादू है जो मैंने उसे पहनकर फील किया था। वे कहते हैं आप सेना की जब वह वर्दी पहनते हैं, तो उन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जो एक आर्मी मैन को रखना चाहिए और इस कारण आपकी चाल ढाल में पूरा अंतर आ जाता है। हमारी भी ट्रेनिंग हुई थी। दर्शन कहते हैं कि हमारी ट्रेनिंग शुरू हुई थी बूट कैंप के साथ। चार बजे हमें वहां रिपोर्ट करना होता था, इसके लिए हमलोग सुबह तीन बजे उठा करते थे। वहां हमारी एक्सरसाइज के साथ-साथ बाकी सारी ट्रेनिंग भी होती थी। हमें ट्रेनिंग में ही बताया गया था कि कैसे बोलना है। कैसे चलना है, कैसे बिहेव करना है और कैसे किसी सिचुएशन को देखकर रिएक्ट करना है। मतलब आप कह सकते हैं कि एक तरह से हमने आर्मी का प्रशिक्षण लिया और यही वजह रही कि लोग आज हमारे ‘अवरोध’ को पसंद कर रहे हैं।
मेजर रौनक गौतम का रोल ऑफर होने की बात पर दर्शन कहते हैं कि समर खान का काॅल आया था, उन्होंने बताया कि उरी अटैक पर एक वेबसीरीज बना रहे हैं और उसमें आपका मेजर गौतम का रोल है। मैं चूंकि उड़ी अटैक के बारे में बहुत पढ चुका था, इसलिए थोडी-बहुत कहानी पता ही थी। ऐसे भी इस थीम पर फिल्म बने तो कोई मना कैसे करेगा, इसलिए मैंने तुरंत ही इसके लिए हां कर दी थी।

मैरीकाॅम से शुरू हुआ दर्शन कुमार का यह सफर एन एच 10, सरबजीत, बागी 2, पीएम नरेंद्र मोदी तक बिना ‘अवरोध’ अनवरत जारी है। दर्शन में एक बात बहुत सटीक व साफ है कि वे हर किरदार को जीना जानते हैं या यूं कहें हर किरदार में जीने लगते हैं।

Darshan Kumar in Avrodh: The Siege Within

दर्शन कुमार (Darshan Kumar) बताते हैं ट्रेनिंग के दौरान हमें कहा गया था कि अगर एक सच्चे सिपाही जैसा फील करना चाहते हैं, उसके जैसा बनना चाहते हैं तो चटाई पर सोना पड़ेगा। और यकीं मानिए जब तक इस वेब सीरीज की शूट चली, मैं चटाई पर ही सोया करता था। जब कश्मीर में शूट हुई थी तभी मैं एक चटाई ली। उसके ऊपर थोड़ा सा पतला सा कुछ कपड़ा डालकर सोया करता था। शूट के दौरान ब्रेक के बाद भी मैं जहाँ भी रहा, अपने किरदार के लिए ही प्रैक्टिस किया करता था, ताकि मुझसे कोई कमी न रह जाए।
राज आचार्य के निर्देशन में बनी अवरोध (Avrodh) में अमित साध मेजर टैंगो की भूमिका में हैं। उनके साथ मिशन को पूरा करते हैं दर्शन कुमार, पवैल गुलाटी, नीरज काबी, मधुरिमा तुली, अनंत महादेवन, विक्रम गोखले व आरिफ जकारिया जैसे कलाकार। इस सीरीज के जरिये दिखाया गया कि दुश्मनों पर सेना ऐसे ही हमला नहीं कर देती है। इसके लिए पूरा दिल्ली दिन रात एक मिशन पर काम करता है। ‘अवरोध’ में सरकार और सेना के बीच की कड़ी को भी दिखाया गया तो मीडिया की पब्लिसिटी पर भी ध्यान दिलाया गया। कुल मिलाकर बेहतरीन वेबसीरीज में दर्शन कुमार की एक्टिंग देखने लायक है। मैरीकाॅम से शुरू हुआ दर्शन कुमार का यह सफर एन एच 10, सरबजीत, बागी 2, पीएम नरेंद्र मोदी तक बिना ‘अवरोध’ अनवरत जारी है। दर्शन में एक बात बहुत सटीक व साफ है कि वे हर किरदार को जीना जानते हैं या यूं कहें हर किरदार में जीने लगते हैं।

‘A Gentleman’ Darshan Kumar

दर्शन कहते हैं कि जबसे मुंबई आया था तभी से मुझे प्रकाष झा के साथ काम करने का बहुत मन था और वह अब पूरा हो गया है। इसी महीने रिलीज हो रही है आश्रम। प्रकाश झा की फिल्म ऐसे भी किसी न किसी कहानी और वो भी रियलिस्टिक को दर्शाती है। एम एक्स प्लेयर पर रिलीज हो रही इस वेबसीरीज में मैं और बाॅबी देओल हैं। इसके बाद मेरी तूफान आ रही है। मेरा राकेश ओमप्रकाश मेहरा के साथ भी काम करने का बहुत मन था, और वह भी पूरा हो गया। जब उनसे पूछा गया कि अब आपके सारे सपने पूरे हो रहे हैं तो अगला नंबर किसका है यानी अब किसके साथ काम काम करना चाहते हैं, इस पर दर्शन कुमार ने हंसते हुए कहा कि मेरी लिस्ट बहुत लंबी है, आप थक जाएंगे सुनते-सुनते।
दर्शन बहुत अच्छे डांसर हैं। वे कहते हैं कि मैं डांस व काॅमेडी थीम पर कोई फिल्म करना चाहता हूं, जो मुझे अब तक नहीं मिली है। डांस पर बात आते ही सुशांत सिंह राजपूत का नाम आते ही उन्होंने कहा कि सुशांत भी बहुत अच्छे डांसर थे, वे भी शामक सर के ही स्टूडेंट रहे हैं। दर्शन कहते हैं शुरुआती दिनों में हम और सुशांत एक ही सोसायटी में रहते थे, फुर्सत के दिनों में हमलोग खूब गपशप करते थे, पर फिर सब अपने-अपने काम व लाइफ में इस कद बिजी हो गए कि फिर इधर कभी बात या मुलाकात नहीं हो पाई।
बाॅलीवुड में नेपोटिज्म व भेदभाव पर कहते हैं कि आप बाहर से आते हैं तो एक नहीं, दर्जनों प्राॅब्लम फेस करना पड़ता है। अच्छा खाना पीना से लेकर रहना सबकुछ पर खर्च होता है, और काम मिलने के लिए आपको बार-बार खुद को प्रूव करना होता है। परेशानी तो होती ही है, पर अगर टैलेंट साथ हो तो सबकुछ सही हो जाता है। लाॅकडाउन में फ्री टाइम पर दर्शन कहते हैं कि लोगों को लगता है कि दुनिया में सबसे आसान काम है एक्टिंग करना। पर, इसके लिए कितना कुछ करना करना पडता है, यह एक्टर ही जानता है। लाॅकडाउन में कहने के लिए किसी के पास कोई काम नहीं था, पर यकीं मानिए नहीं होते हुए भी बहुत काम था। जिम छोड़कर मैंने हमेशा कुछ न कुछ करते रहता था, जिससे फ्री टाइम का पता ही नहीं चला।

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