अभिनेता व निर्देशक बिशारद बस्नेत (Bisharad Basnet) यूं तो नेपाल के रहने वाले हैं, पर वह भारत में पले- बढे है और उनका भारत से एक अटूट सम्बन्ध है। आजकल बिशारद बस्नेत अपनी फीचर फिल्म ‘लाल सलाम’ (Lal Salaam) की तैयारी में जोर शोर से लगे हुए हैं। फैंस को भी उनके लाल सलाम का बेसब्री से इंतजार है। अब देखना है वे अपने चाहने वालों को कितना हैप्पी कर पाते हैं।
बिशारद बस्नेत ने अपना बचपन मेदिनी नगर (डाल्टनगंज) में बिताया जो कि झारखंड में है। वे कहते हैं कि मैं मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ। मेरे पिताजी भारतीय रेल में लिए काम करते थे। हमारे पास छोटे सपने और छोटी-छोटी आवश्यकताएं होती थीं। हमें अध्ययन करने और प्रशासन की नौकरी पाने के लिए सिखाया गया ताकि मुझे सेवानिवृत्ति होने पर पेंशन मिले और जीवन आसानी से कट जाये परन्तु मैं पढ़ाई में अच्छा नहीं था और न ही मैं कोई नौकरी करना चाहता था। मैंने पिताजी को बहुत मेहनत करते देखा इसके बावजूद परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति भी कठिनाई से होती थी।।
मेरी माँ बहुत मेहनती थी उसने हमारी जरूरतों और स्कूल की फीस भरने के लिए पार्ट टाइम काम किया, मम्मी नेपाल से जाते समय लेटेस्ट कैमरा, बेड शीट, ऊनी कम्बल खरीदती थी और वह भारत ले जाकर बेचती थी। यह सब देखकर मैं उनकी मदद करना चाहता था और उन्हें सारी खुशी देना चाहता था। फिर मैंने कुछ ऐसा करने की सोची जिसमें नाम, प्रसिद्धि और पैसा हो। मैं कुछ दिलचस्प खोज रहा था और मैंने अभिनय में वो सब कुछ पाया।
बिशारद बस्नेत (Bisharad Basnet) कहते हैं कि मेरा अभिनय यात्रा अच्छा रहा है। मैंने अब तक 7 फिल्मों में काम किया है। मैंने 4-5 विज्ञापन फिल्म भी किया है। 10 से अधिक लघु फिल्म में अभिनय किया। वे कहते हैं कि देखिये मुंबई में जीवन बहुत कठिन था। मुझे प्रतिदिन के खर्चे के लिए पैसे की आवश्यकता थी। फिर मैं एक ऐसे निर्देशक से मिला जो विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन करते थे। उन्होने मुझे अपनी टीम में सहायक के रूप में शामिल होने की अनुमति दी । 3 साल तक मैंने उनके सहायक के रूप में काम किया और उन्होंने मुझे अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया। अभिनय मेरा पहला प्रेम था और यह हमेशा रहेगा परन्तु अपनी रचनात्मकता को दिखाने के लिए जो मेरे दिमाग में है उसके लिए मैं निर्देशन करता हूं। मैंने नेपाली में 2 फीचर फिल्म का निर्देशन किया है। 2 लघु फिल्में भी बनाया जो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में चली गईं। कॉर्पोरेट के लिए बहुत सारे विज्ञापन बनाए।
बिशारद बस्नेत (Bisharad Basnet) कहते हैं मैंने भारतीय धारावाहिक, विज्ञापनों और फिल्मों में भी काम किया है पर लोगो तक पहुँच नही पाया। मैं भारत में कई चीजों की योजना बना रहा हूं । मेरे पास एक फिल्म और एक वेबसीरीज कि पूरी कहानी है जो जल्द ही कोविड-19 के बाद झारखंड में शुरू होने वाली है।
बिशारद बस्नेत ने बताया कि मैंने 2 नेपाली फिल्मों का निर्देशन किया है। एक का नाम है मिस्टर वर्जिन है और दूसरे का नाम है ना येता ना उता। इन दोनों फिल्मों को दर्शकों ने बहुत स्नेह दिया। दोनों फिल्मों ने अच्छी कमाई की है और मुझे एक सफल निर्देशक के रूप में स्थापित किया। मिस्टर वर्जिन मेरे हृदय के बहुत निकट है क्योंकि यह मेरी प्रथम फिल्म है। मेरी लघु फिल्म 3तक लॉ को कई फिल्म समारोहों में चुना गया।
बिशारद (Bisharad Basnet) कहते हैं कि मेरे पास एक फिल्म और वेबसीरीज है, जो जल्द ही कोमिड-19 के बाद झारखंड में शुरू होने वाली है। मैं नेपाली में एक फिल्म की पटकथा लिख रहा हूं, जिसकी शूटिंग हमला जिले के मनोरम स्थानों पर होगी। उस फिल्म का नाम है लाल सलाम ए रिवोल्यूशन इन यू (Lal Salaam : A Revolution in You। यह फिल्म पूरी तरह से एक आर्ट सिनेमा है। मैं इसे निर्देशित करूंगा और इसका सह-निर्माण करूंगा। लाल सलाम सुनते ही लोग को रिवोल्यूशन समझ आता है लाल सलाम: रेवोलुशन को बैक ड्राप में रखते हुए समाज में हो रहे महिला हिंसा और सामाजिक शोषण पर एक सोशल फिल्म है।