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अगर वाकई कहानी की मांग हो तो इंटीमेट सींस में बुराई नहीं: मिनिषा लांबा

Minissha Lamba-Filmynism

कभी पत्रकार बनने का सपना संजोयी मिनिषा लांबा (Minissha Lamba) कब सपनों में दुनिया यानी मायानगरी में आ गईं, उन्हें भी इसका अहसास नहीं रहा। फोटोशूट के बाद विज्ञापन से अपना फिल्मी कॅरियर शुरू करने वाली मिनिषा लांबा ने हालांकि बहुत फिल्में नहीं की, फिर भी एक नाम बना लिया। अपनी अपकमिंग फिल्म ‘कुतुब मीनार’ (Qutub Minar) को लेकर एक्साइटेड मिनिषा कहती हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी।

अपनी अपकमिंग फिल्म ‘कुतुब मीनार’ (Qutub Minar) को लेकर एक्साइटेड मिनिषा (Minissha Lamba) कहती हैं कि संघर्ष आदमी को महान बनाता है। मैं मानती हूं कि मैंने भी खुद को संघर्ष के बूते एक मुकाम पाने की कोशिश की और लगातार अच्छा करने की कोशिश कर रही हूं। अपनी फिल्म के बारे में वे कहती हैं कि लोगों को ‘कुतुब मीनार’ वाकई अच्छी लगेगी। उन्होंने कहा कि मेडिकल कंडीशन पर बेस्ड इस फिल्म में मैं एक डॉक्टर की पत्नी के किरदार में नजर आऊंगी। आप देखेंगे तो खुद ही मेरे किरदार दर्शकों को बेहद पसंद आएंगे।

‘हां, मुझे प्यार मिल गया है और मैं खुश हूं। मैं हर दिन धन्य महसूस करती हूं।’ ‘यह काफी रोमांचक, प्यारा और सुंदर है।’ बता दें कि मिनिषा इन दिनों आकाश के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही हैं। कुछ दिनों पहले ही दोनों साथ रहने के लिए राजी हुए थे।

मिनिषा लांबा (Minissha Lamba) कहती हैं कि मेरा मानना है कि अब तक मैंने जो भी अचीव किया है, वो सिर्फ और सिर्फ अपनी मेहनत के बूते ही पाया है। वैसे भी इस दुनिया में बिना संघर्ष किए कुछ भी तो हासिल नहीं होता। आपको अगर इंडस्ट्री में निरंतर अपनी पहचान बनाकर रखना है तो फिर संघर्ष करना ही पड़ेगा। वैसे भी संघर्ष से ही शिखर संभव है। यहां कोई भी सफल हो सकता है, बशर्ते कि आपमें हुनर हो ही, पर सबसे जरूरी कुछ करने का जज्बा हो और आप मेहनत करने में कभी पीछे न रहते हों।

आज के सिनेमा और मेनली वेबसीरीज में परोसी जा रही अश्लीलता पर मिनिषा लांबा (Minissha Lamba) ने कहा कि अगर कंटेंट सही हो तो गाली-गलौज से कोई फर्क नहीं पड़ता। कहानी के अनुरूप अगर कुछ है तब तो ठीक है जबरदस्ती की चीजें कतई नहीं होनी चाहिए। बाकी सब दर्शकों को तय करना है, वो क्या देखना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि दर्शकों की पसंद को हम कलाकार तय नहीं करते वो तो दर्शकों को ही तय करना रहता है। ऐसे भी फिल्मों में हम कलाकार या फिल्म निर्देशक वही दिखाते हैं, जिसे दर्शक पसंद करते हैं और मेरा मानना है इसमें कोई बुराई भी नहीं है।

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