दिवंगत अभिनेता इरफान खान (Irrfan Khan) के साथ अपनी पहली ही फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ में डिफरेंट रोल निभाकर अभिनय को जीवंत करने वाले रवि साह (Ravi Sah) ‘रात अकेली है’ (Raat Akeli Hai) में बिना बोले ही सबकुछ कह रहे हैं। जी हां, इस फिल्म में अगर किसी से डर लगता है तो रवि ही हैं। मर्डर मिस्ट्री पर बेस्ड हनी त्रेहान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘रात अकेली है’ में खलनायक की भूमिका में रवि ने एक बार फिर अपनी अदाकारी से जान फूंक दी है।
हाल ही में नेटफ्लिक्स (Netflix) पर रिलीज हुई फिल्म रात अकेली है (Raat Akeli Hai) में अपने बेहतरीन किरदार पर संजीत नारायण मिश्रा से बातचीत में रवि कहते हैं कि कोशिश तो अच्छा करने की ही की थी, पर लोगों को इतना पसंद आएगा यह विश्वास नहीं था। नवाजुद्दीन सिद्दीकी, राधिका आप्टे, तिग्मांषु धूलिया, श्वेता त्रिपाठी जैसे स्टार के साथ रवि साह की एक्टिंग से फिल्म बेहतरीन बनी है। इस फिल्म में नवाजुद्दीन के बाद रवि के काम की बहुत तारीफ हो रही है। दरअसल, बिहार के पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले रवि का इस फिल्म में कसाई के रूप में मटन चाॅप करते एक सीन है, जो आपको डरने पर मजबूर कर देगा। इस फिल्म में रवि ने आवाज नहीं अपनी आंखें और हावभाव से ऐसा खौफ कायम किया है, जिसे बोलकर भी नहीं किया जा सकता था। अपने किरदार के बारे में रवि कहते हैं कि मैंने इसके लिए तैयारी मैंने की। अपने घर के पास एक मटन शॉप है, वहां जाकर देखता था कि आखिर मटन कटता कैसे है। और अब ऐसा हो गया कि लोग उस सीन को बहुत पसंद कर रहे हैं।
बिहार के पूर्णिया से ताल्लुक रखने वाले रवि का फिल्म रात अकेली है में कसाई के रूप में मटन चाॅप करते एक सीन है, जो आपको डरने पर मजबूर कर देगा। इस फिल्म में रवि ने आवाज नहीं अपनी आंखें और हावभाव से ऐसा खौफ कायम किया है, जिसे बोलकर भी नहीं किया जा सकता था।
रवि कहते हैं कि इस फिल्म का ऑफर भी कुछ अलग तरीके से मिला। हनी त्रेहान जी का एक बार काॅल आया थो वो भी व्हाट्सप काॅल। उन्होंने कहा कि एक फिल्म है और ऐसा रोल है, आप करोगे। मैंने तुरंत हां कर दी, और फिर जब रोल सुना, कहानी सुनी तो वाकई बहुत अच्छी लगी। इस फिल्म में मुझे न बोलते हुए भी वो खौफ लाना था, जिसमें मैं बहुत हद तक कामयाब भी रहा। फिल्म में अपने फेवरेट सीन को लेकर रवि कहते हैं कि मटन कटिंग करने के अलावा जब मुझे जलाया जाता है, वो सीन भी मुझे बहत पसंद है। इस फिल्म के साथ दूसरी अच्छी बात यह कि इसमें ज्यादातर लोग एक-दूसरे को पहले ही जानते हैं, इसलिए काम करने में और भी मजा आया। नवाज भाई के साथ मैं पहले भी काम कर चुका हूं।
रवि साह आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। इरफान के साथ अपनी पहली फिल्म पान सिंह तोमर में बलराम सिंह तोमर के किरदार से अमिट छाप छोड़ने वाले रवि की जानदार एक्टिंग का कारवां जारी है। हाल में नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ आई फिल्म रात अकेली में है बिना बोले ही उन्होंने खौफ का ऐसा माहौल कायम किया है कि आप सिहर जाएंगे। फिल्म में मीट चाॅप करते रवि साह हों या स्टार्टिंग में ही हाइवे पर एक महिला व उसके ड्राइवर की हत्या करके, हर जगह बेहतरीन छाप छोड़ी है।
इरफ़ान खान के साथ ‘पान सिंह तोमर’ से ही अपनी हर फिल्म में अलग किरदार निभाने वाले रवि ने रात अकेली है में इस खौफनाक रोल करके दर्शकों को डरा दिया है। रवि कहते हैं कि फिल्म पहले दृश्य से ही सवाल खड़ा शुरू कर देता है, जहां हाइवे पर एक महिला व उसके ड्राइवर की हत्या कर दी जाती है। कहानी कुछ साल आगे बढ़ती है और एक अधेड़ उम्र के ठाकुर की हत्या उसकी शादी के दिन ही हो जाती है। रहस्यमय परिस्थितियों के बीच उत्तर प्रदेश के सीनियर इंस्पेक्टर जटिल यादव (नावजुद्दीन सिद्दीकी) अपनी जांच शुरू करते हैं। मामले की तहत तक पहुंचने का सफर काफी दिलचस्प है।
बाॅलीवुड में नेपोटिज्म पर रवि का कहना है कि नोपोटिज्म, भेदभाव हो या क्षेत्रवाद हर जगह और हर फील्ड में है। फिल्म में भी है और आज से नहीं, सालों से है। इस मामले में मेरा मानना है कि यह गलत भी नहीं है, क्योंकि हर कोई चाहता है कि उसका बेटा या बेटी उसके जैसा ही करे। पर, यकीन मानिए आउटर को भी उतना ही मौका मिलता है। क्योंकि फिल्म ऑडियो-विजुअल का मिस्क्चर है और यहां जो दिखेगा वही बिकेगा। मेरा काम अगर अच्छा होगा तो कोई भी कितना भी चाहे, रोक नहीं पाएगा। उन्होंने एक्सेप्ट किया कि भेदभाव तो सबके साथ होता है, वो भी जो नए कलाकार हैं और बाहर से आते हैं, पर टैलेंट है तो सबकुछ झेल सकते हैं आप। रवि कहते हैं कि मुझे बस अपनी एक्टिंग और अपने टैलेंट पर भरोसा है। मैं रवि हूं और कोई कितना भी रोकना चाहे, मैं अपनी एक्टिंग के प्रकाष से सबको अपनी मौजूदगी का अहसास कराउंगा ही। कब तक टैलेंट को नहीं सुनोगे, अगर हम हीरा हैं गुदरी के लाल हैं तो एक न एक दिन चमकेगा ही। मेरा भी यहाँ कोई गाॅडफादर नहीं है। अगर कोई होता तो पान सिंह तोमर के बाद मेरी अहमियत कुछ और होती। पर कब तक कोई रोकेगा। हमलोग एकलव्य हैं, अर्जुन नहीं हैं।
आजकल बाॅलीवुड में नेपोटिज्म पर हो रही बहस पर रवि साह का कहना है कि नेपोटिज्म कहां नहीं है, हर जगह है, हर प्रोफेशन में है। हां पर ये भी सही है कि टैलेंट का कोई ऑप्शन नहीं। मुझे तो बस अपनी एक्टिंग और अपने टैलेंट पर भरोसा है। हंसते हुए कहते हैं मैं रवि हूं और कोई कितना भी रोकना चाहे, मैं अपनी एक्टिंग के प्रकाश से सबको अपनी मौजूदगी का अहसास कराउंगा ही। कब तक टैलेंट को नहीं सुनोगे, अगर हम हीरा हैं गुदरी के लाल हैं तो एक न एक दिन चमकेंगे ही।
जर्नलिज्म के स्टूडेंट रहे रवि माखनलाल विवि से पत्रकारिता कर चुके हैं। कई अखबार व चैनल में काम कर चुके रवि कहते हैं कि मैं सोचने और पढने लिखने वाला एक्टर रहा हूं। मैंने मुख्य धारा की फिल्में इसलिए कम की हैं, मेरी विचारधारा थोडी अलग है। मेरा मानना है मैं वैसी फिल्में बेहतर तरीके से कर सकता हूं, जो समाज में एक मैसेज तो दे ही, साथ ही आप अपनी फैमिली के साथ देख भी सकें। अपने अपकमिंग प्रोजक्ट पर रवि कहते हैं कि अभी बहुत सारी फिल्में हैं। मेरी मोस्ट अवेटेड फिल्म है स्प्रिंग थंडर। श्रीराम डाल्टन की इस फिल्म में मैं मुख्य किरदार में हूं। यूरेनियम माइनिंग टेंडर और आदिवासियों की जिंदगी पर बेस्ड यह फिल्म लोगों को बहुत पसंद आएगी। इसमें मैंने भी अपना बेस्ट दिया है। पैसा, पाॅलिटिक्स, क्राइम सबकुछ दिखेगा इस फिल्म में। यह बनकर तैयार है और सबसे बड़ी बात अभी के समय पर बनी इस फिल्म का लोकेशन रियल है, लोग रियल हैं। माइनिंग माफिया पर बनी यह फिल्म इस थीम पर बनी अब तक की फिल्मों से अलग होगी, इतना विश्वास है। इसके अलावा मेरी एक हाॅलीवुड फिल्म भी आ रही है, जिसको लेकर एक्साइटेड हूं। इस फिल्म की शूटिंग अगले साल से होगी। न्यूयार्क और इंडिया में शूट किया जाएग।