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Happy B’day Aamir Khan: बाॅलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ मना रहे अपना जन्मदिन

Aamir Khan Birthday-Filmynism

कयामत से कयामत तक, हम हैं राही प्यार के, इश्क, राजा हिंदुस्तानी, 3 इडियट्स, पीके, दंगल जैसी शानदार फिल्मों के जरिये अपने फैंस के दिल में एक जगह फिक्स कर चुके अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan Birthday) आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। बाॅलीवुड में ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ (Mr Perfectionist) के रूप में मशहूर आमिर खान (Aamir Khan) के बारे में एक बात बहुत प्रचलित है कि वे बस चुनींदा फिल्में ही करते हैं और शायद यही वजह है कि जो भी फिल्में करते हैं, वह सुपर-डुपर हिट रहती है।

अपने शानदार किरदारों से लोगों के दिलों में पहचान बनाने वाले ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान (Aamir Khan) की फिल्मों का इंतजार आज भी लोग बेसब्री से करते हैं। आमिर खान की अपकमिंग फिल्म लाल सिंह चड्ढा है, जो इसी साल रिलीज होने वाली है। आपको पता है इतना नेम-फेम मिलने के बाद भी आमिर की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब वो काफी परेशान थे। एक वक्त था जब वे घर आकर रोया करते थे और इस बात का खुलासा खुद अभिनेता ने किया था।

बता दें कि आमिर खान आमिर खान (Aamir Khan) ने फिल्म होली से फिल्मी दुनिया में कदम रखा था, पर उन्हें पहचान मिली फिल्म कयामत से कयामत तक से। जूही चावला के साथ यह फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी और आमिर रातों रात मशहूर हो गए थे। इसके बाद आमिर के पास फिल्मों की लाइन लगी हुई थी और उन्होंने करीब आठ-नौ फिल्में साइन कर दी थीं। पर, अफसोस इसके बाद भी वो काफी परेशान थे और घर आकर रोते थे। इस बारे में आमिर ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया था।

फिल्म कयामत से कयामत तक के एक गाने अकेले हैं तो क्या गम है में जूही चावला और आमिर खान के बीच गाल और माथे पर किस सीन होना था, जिसे करने से जूही चावला ने साफ इनकार कर दिया था। जूही के मना करने के बाद फिल्म के निर्देशक मंसूर खान को गुस्सा आ गया था और उन्होंने शूटिंग को रोक दिया था। हालांकि दस मिनट बाद ही जूही चावला किस सीन के लिए राजी हो गई थीं और फिर से फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी गई थी।

आमिर खान के कुछ डायलॉग्स
– आल इज वेल।
– एग्जाम तो बहुत होते हैं बाप मोस्टली एक ही होता है।
– मेडलिस्ट पेड़ पर नहीं उगते, उन्हें बनाना पड़ता है प्यार से मेहनत से और लगन से।
– जिन्दगी जीने क दो ही तरीके होते है एक जो हो रहा है होने दो, बर्दाश्त करते जाओ या फिर जिम्मेदारी उठाओ उसे बदलने की।
– काम जज्बे के साथ करो, जज्बाती होकर नहीं।
– विश्वास और घमंड में बहुत कम फर्क है। मैं कर सकता हूं, यह मेरा विश्वास है और सिर्फ मैं ही कर सकता हूं, यह मेरा घमंड है।
– लड़ेंगे तो खून बहेगा और नहीं लड़ेंगे तो यह लोग खून चूस लेंगे।
– दवा भी काम न आये, कोई दुआ न लगे मेरे खुदा किसी को प्यार की हवा न लगे।
– कामयाबी तो साली झक मार के पीछे भागेगी..
– आप पुरुष नहीं… महापुरुष हैं।

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