अभिनेत्री नूतन (Actress Nutan) हिंदी सिनेमा जगत की बेहतरीन अदाकाराओं में से रही हैं। करीब चार दशक के अपने लंबे करियर में नूतन ने 70 से ज्यादा फिल्में की और सब एक से बढ़कर एक। एक जमाने में संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) भी नूतन के बहुत बड़े फैन थे, संजीव कुमार की क्रश थीं नूतन। नूतन की तनुजा (Tanuja) की बहन और काजोल (Kajol) की मौसी थीं। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी (Nutan Birth Anniversary) है। आइए उनके बारे में कुछ जानते हैं।
अभिनेत्री नूतन (Actress Nutan) के पिता कुमारसेन समर्थ एक फिल्ममेकर थे और मां शोभना समर्थ उस दौर की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। 14 साल की उम्र में नूतन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। उनकी पहली फिल्म 1950 में ‘हमारी बेटी’ थी जिसे उनकी मां ने निर्देशित किया था। 1952 में नूतन ने मिस इंडिया का ताज जीता, तब उनकी उम्र 16 साल थी। उनकी मां शोभना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ‘सभी बोलते थे वो बहुत पतली है तभी मैंने सोचा कि उसे ग्रूमिंग की जरूरत है और मैंने उसे मसूरी भेज दिया। जहां उसने एक ब्यूटी कॉन्टेंस्ट में लिया। सभी लोग तब हैरान रह गए जब वो मिस मसूरी चुनी गई थी।‘ नूतन बहुत खूबसूरत थी। उनकी फिल्में तो हिट होती ही थी, दर्शक उनकी खूबसूरती के भी उतने ही बड़े कायल थे।
हालांकि आगे चलकर नूतन और उनकी मां के बीच रिश्ते खराब हो गए थे। उन्होंने अपनी मां पर पैसों के हेर-फेर का आरोप लगाया था। करीब 20 साल तक दोनों के बीच बातचीत बंद रही।
नूतन (Nutan) को फिल्म ‘सीमा’ से बड़ा ब्रेक मिला। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। इसके बाद नूतन ने ‘पेइंग गेस्ट’, ‘अनाड़ी’, ‘सुजाता’, ‘छलिया’, ‘बंदिनी’, ‘सरस्वतीचंद्र’, ‘देवी’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ सहित अन्य फिल्में कीं। नूतन को बेस्ट अभिनेत्री के लिए पांच फिल्मफेयर अवॉर्ड्स मिले। फिल्मों में योगदान को देखते हुए 1974 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। नूतन ने जितनी भी फिलमें की, उनकी अपनी एक अलग छाप छोड़ी। नूतन को देखकर हर कोई उनकी एक्टिंग की तारीफ किया करता था।
संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) नूतन की खूबसूरती और अभिनय के कायल थे हालांकि दोनों के रिश्ते में तब कड़वाहट आ गई, जब नूतन ने संजीव कुमार को थप्पड़ मार दिया था। दोनों ने साथ में फिल्म ‘देवी’ की थी। दरअसल उस वक्त एक मैगजीन में नूतन और संजीव कपूर के बीच अफेयर की खबरें छपी थीं, जिससे नाराज होकर नूतन ने सेट पर उन्हें तमाचा जड़ दिया था। यह किस्सा आज भी लोगों को याद है।