वल्गर व तथ्यहीन गानों से खराब हो रहा भोजपुरी सिनेमा का भविष्य: प्रमोद शास्त्री
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वल्गर व तथ्यहीन गानों से खराब हो रहा भोजपुरी सिनेमा का भविष्य: प्रमोद शास्त्री

Bhojpuri Film Director Pramod Shashtri-Filmynism

भोजपुरी फिल्मों के सफल लेखक व निर्देशक प्रमोद शास्त्री जल्द ही अपनी फिल्म आन बान और शान लेकर आ रहे हैं। रब्बा इश्क ना होवे, छलिया, प्यार तो होना ही था, जैसी बड़ी और हिट फिल्में देने वाले लेखक-निर्देशक प्रमोद शास्त्री ने भोजपुरी इंडस्ट्री को बड़े करीब से देखा है, इसलिए अपनी बेबाक राय भी रखते हैं। प्रमोद कोे भोजपुरी सिनेमा का भविष्य चिंताजनक लगता है। सबसे बड़ा कारण है भोजपुरी अल्बम। वे कहते हैं अश्लील, भड़कीले और द्विअर्थी गानों का असर सिनेमा पर भी पड़ता है, क्योंकि अधिकतर वल्गर व तथ्यहीन गाना गाने वाले आगे चलकर हीरो बन जाते हैं।

भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को लेकर प्रमोद शास्त्री कहते हैं कि मुझे भोजपुरी सिनेमा का भविष्य बहुत चिंताजनक लगता है। कारण है भोजपुरी में अल्बम की अलग दुनियां है, जहां अश्लील भड़कीले और द्विअर्थी गानों की भरमार है। इसका असर सिनेमा पर भी पड़ता है, क्योंकि अधिकतर वल्गर-तथ्यहीन गाना गाने वाले आगे चलकर फिल्मों के हीरो होता हैं। प्रोड्यूसर का दबाव होता है कि ऐसे गायकों की लोकप्रियता को फिल्म में भुनाया जाए। प्रोड्यूसर का प्रेशर हर वक्त होता है कि हीरो लोकप्रिय और सफल है, इसलिए हीरो जो सोच रहा है, वह सही है। न चाहते हुए भी यहां लगभग सभी लेखक-निर्देशक समझौता करने को मजबूर हैं। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि भोजपुरी सिनेमा का भविष्य कुछ वर्ग के दशकों के हाथ में झूल रहा है। बता दें कि आजकल भोजपुरी में द्विअर्थी गानों का एक चलन सा हो गया है। लगभग हर दिन ऐसे गाने रिलीज हो रहे हैं, जिसे आप अपनी फैमिली के साथ तो कतई नहीं सुन सकते हैं।

हालांकि प्रमोद शास्त्री कहते हैं फिल्म इंडस्ट्री अच्छे लेखक, निर्देशक और अच्छे चरित्र अभिनेताओं से भरी पड़ी है। अगर कमी है तो समर्पित निर्माताओं की। अच्छे डिस्ट्रीब्यूटर की और बढिया सिनेमा हाल की, जो चंद रुपयों की लालच के चलते अच्छे कथानक के साथ मराठी, तमिल, तेलुगू, मलयालम सिनेमा के जैसे बड़े कैनवास की भोजपुरी फिल्म बनावाने, बेचने, और डिस्ट्रीब्यूशन के अभाव में जी रहे हैं, जबकि भोजपुरी भाषी दर्शकों की संख्या लगभग 40 करोड़ से अधिक है, बस एक बार हिम्मत करने की जरूरत है। वे कहते हैं कि अगर सबकोई मिलकर भोजपुरी सिनेमा के बारे में सीरियसली सोचे तो बहुत कुछ बदल सकता है।

प्रमोद शास्त्री की अपकमिंग फिल्म “आन बान शान” रिलीज होने वाली है, जो लगभग बनकर तैयार है। उसके बाद “साम दाम दंड भेद” आएगी, जिसकी शूटिंग की तैयारियां चल रही है।

लेखक व निर्देशक प्रमोद शास्त्री

बता दें प्रमोद शास्त्री उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिले से हैं। स्नातकोतर तक पढाई और शास्त्री की डिग्री लेने के बाद वे प्रमोद शास्त्री के रूप में जाना जाने लगे। प्रमोद कहते हैं कि मेरे पिताजी एक साधारण किसान और मां एक सीधी-सादी घरेलू महिला है। मैंने अपनी पढाई के दौरान ही लेखन की शुरुआत कर दी। मेरे दादा जी वैद्य पंडित नारायण शास्त्री बहुत ही विद्वान थे। उनकी लेखन में गहरी पकड़ थी और उनका व्यापक प्रभाव मेरे ऊपर पड़ा। मेरी पढाई के दौरान ही मेरे द्वारा लिखे गए कुछ नाट्य काफी पापुलर हुए जिनमे से प्रमुख नाट्य हैं सम्राट अशोक का शस्त्र परित्याग, राखी की मर्यादा। वे कहते हैं कि निर्देशक बनने के तरफ मेरा ध्यान कुछ प्रमुख हिंदी फिल्मों के निर्देशकों के इंटरव्यू सुनने के बाद आया, जिनमे से प्रमुख नाम सुभाष घई, प्रकाश मेहरा और राकेश कुमार का हैं। मसलन मैं इन सभी निर्देशकों से बहुत प्रभावित हुआ और एक सफल निर्देशक बनने की ओर अपना कदम बढाया।

प्रमोद शास्त्री ने बताते हैं कि मैं मुंबई प्रथम बार सन् 2001 में आया। मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अदाकारा प्रियंका चोपड़ा के मेकअप मैन सुभाष का काफी सहयोग मिला। उन्होंने ही मुझे पहली बार सहायक निर्देशक के रूप में काम दिलवाया, इसके बाद मैंने अलग-अलग छः भाषाओ में लगभग 16 फिल्में सहायक लेखक व सह निर्देशक के रूप में की, जिसमे तारीख द फाइनल डे, इक जिंद एक जान एवं भूमिपुत्र प्रमुख है। मैंने 2019-20 में डीडी. किसान चैनल के लिए “किसके रोके रुका हैं सवेरा” नामक सीरियल का निर्माण किया। सीरियल का मूल उद्देश्य देश के किसानों के मौलिक अधिकारों तथा उनकी समस्याओं के निदान और भारत सरकार द्वारा उनके लिए चलाई गई नई स्कीमों के बारे में जानकारी देना था।

प्रमोद शास्त्री कहते हैं भोजपुरी में मेरी पहली फिल्म बतौर निर्देशक रब्बा इश्क न होबे थी, जो 2017 में आई थी। इस फिल्म की प्रोड्यूसर कनक यादव, प्रस्तुतकर्ता गौतम सिंह और नायक अरविन्द अकेला “कल्लू” तथा नायिका कनक यादव और रितू सिंह थे। अभी तक मेरे डायरेक्शन की तीन भोजपुरी फिल्में रब्बा इश्क न होबे (2017), छलिया (2019) और प्यार तो होना ही था (2020) रिलीज हो चुकी है, जो लोगो के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं।

बता दें कि प्रमोद शास्त्री की अपकमिंग फिल्म “आन बान शान” रिलीज होने वाली है जो लगभग बनकर तैयार है। उसके बाद “साम दाम दंड भेद” आएगी, जिसकी शूटिंग की तैयारियां चल रही है। वे कहते हैं अब तक मेरी लगभग सभी फिल्मों के लेखक मेरे साथ साथ एस. के. चैहान हैं, जिनका बेहद सार्थक सहयोग मिलता है। हमारी दोनों फिल्में काफी अच्छी है और उससे हमें काफी उम्मीदें हैं। इसके आलावा निर्माता गौतम सिंह की एक बड़े बजट की हिंदी फिल्म आएगी, जिसका लेखन कार्य अभी चल रहा है।

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