फिल्मी पार्टियां सदैव से ही लोगों का आकर्षण का केन्द्र रही है क्योंकि इसमें आम आदमी के लिए कोई जगह नहीं रही है। ये पार्टियां बरसों से चली आ रही हैं। राज कपूर, देवानंद और दिलीप कुमार के जमाने में किसी नई फिल्म की घोषणा के समय पार्टी दी जाती थी। फिर फिल्म के सफलता का जश्न पार्टी देकर मनाया जाता था। धीरे-धीरे इन पार्टियों का रूप छिछोरा होता गया। हालांकि तब तक ड्रग्स शामिल नहीं हुए, लेकिन नशे के बाद कई लोगों की जुबां पर उनके दिल का मैल आ गया और धीरे-धीरे ये पार्टियां अपना स्वरूप खोने लगी।
अब फिल्मी पार्टियां कम होती हैं क्योंकि ग्रुप बन गए हैं। एक-दूसरे के ग्रुप में जाना सितारों को पसंद नहीं है। अजय देवगन, अक्षय कुमार और सनी देओल जैसे अभिनेताओं ने जब फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था तब पार्टियों का बोलबाला था। हर रोज दो से तीन पार्टियां होती थी। शुरू में ये कुछ पार्टियों में नजर आए, लेकिन जल्दी ही इन्होंने दूरी बना ली।
सनी देओल : सनी देओल के पिता धर्मेन्द्र जरूर पीने-पिलाने के शौकीन रहे, लेकिन सनी ने सदैव शराब से दूरी बना कर रखी। सनी ने एक इंटरव्यू में बताया कि पीने के बाद लोग कुछ तो भी बातें करने लगते हैं। उनका ‘लेवल’ और मेरा ‘लेवल’ मैच नहीं कर पाता था। कुछ देर पहले वे जिन लोगों की प्रशंसा करते फिर रहे थे कुछ जाम गटकने के बाद उनकी बुराई करने लगते थे। मुझे समझ नहीं आता था कि मैं क्या बात करूं, लिहाजा मैंने पार्टियों में जाना छोड़ दिया।
अक्षय कुमार : खिलाड़ी कुमार यदा-कदा पार्टियों में नजर आते हैं, लेकिन जितनी जल्दी आते हैं उतनी जल्दी निकल जाते हैं। अक्षय को भी पीना पसंद नहीं है। रात नौ बजे वे सोने पहुंच जाते हैं, लिहाजा उनके लिए देर रात तक जागना संभव नहीं है। अक्षय काम में विश्वास रखते हैं और इस तरह की पार्टियां उन्हें समय की बरबादी लगती है।
अजय देवगन : अजय देगवन को पीना पसंद है, लेकिन वे खास दोस्तों के साथ ही पीना पसंद करते हैं। पार्टियों में सरेआम जाम छलकाना उन्हें पसंद नहीं। वे अंतर्मुखी हैं इसलिए जल्दी घुलमिल नहीं पाते। अजनबियों के बीच उन्हें अजीब सा महसूस होता है। बुराई करना उनका स्वभाव नहीं है। वैसे भी अजय रात 9 बजे तक अपने परिवार के बीच पहुंचना पसंद करते हैं।