पुलकित शर्मा, जयपुर।
बीता वर्ष सिनेमा जगत और सीने प्रेमियों के लिए काफी उत्साहजनक और आनन्दायक रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ जब मध्यम बजट की मूवी और सामान्य कलाकारों के साथ बनाई गई मूवी केवल अपने विषय के दम पर ना केवल दर्शकों को सिनेमाघर तक लाने में सक्षम हुई, बल्कि उसे सफल फिल्म का दर्जा भी दिलवाया।
2019 सिनेमाप्रेमियों के लिए काफी खास इसलिए भी रहा क्यूकिं इसने कई नए सितारों को जहां एकतरफ स्थापित करवाया तो वहीं दूसरी तरफ ‘बॉलीवुड की रीढ़ की हड्डी’ कहे जाने वाले खान स्टार्स को मुंह कि पटखनी भी दी।
दर्शकों की बदलती पसंद और सार्थक सिनेमा के प्रति उत्साह और रुझान इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि अब इस दौर में सिर्फ कुछ मसालेदार गाने और नायिका के साथ पहाड़ पर रोमांस करना अब और अधिक समय तक दर्शक को आकर्षित नहीं करता।
हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि दर्शक अब भी लव स्टोरीज और नायक के एक मुक्के से अनेक लोगो के ढेर हो जाने को खारिज करता हो । दर्शक के मन में अब भी हीरो एक लार्जर देन लाइफ वाला अभिनेता हैं, जो हर समस्या का निवारण जानता हैं। किन्तु दर्शक अब अपने नायक से थोड़ा जमीनी स्तर पर उतरने की ख्वाहिश रखता हैं, जो कि आम समस्याओं से जूझते हुए समाज की बुराइयों का सफाया करता हैं।

बहरहाल दर्शकों की पसंद का बदलना ना सिर्फ सिनेप्रेमियों के लिए अच्छा है बल्कि ये उन सभी निर्माताओं और निर्देशकों के लिए भी अब एक चुनौती के समान है, जो कि अपने विषय को किसी पुरानी शराब को नए पैमाने में डालकर परोसकर लाभ अर्जित करते आए हैं ।
पुनश्च- दर्शकों की बदलती पसंद संभवतः आने वाले समय में हमारी धनाढ्य मनोरंजन जगत में और अधिक सुधार लाए और सिनेमा के स्तर को एक अगले कदम पर के जाए।