‘कॉन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में धूम मचाने वाली फिल्म ‘विराम’ की नायिका उर्मिला महंता इस से पहले तमिल, तेलुगू व असमिया भाषा की फिल्मों के अलावा ‘मांझी : द माउंटेनमैन’, ‘अकीरा’ व चकल्लसपुर सहित कुछ हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुकी हैं. तमिल फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अदाकारा के कुछ पुरस्कार हासिल कर चुकी उर्मिला की दो असमिया फिल्में राष्ट्रीय पुरस्कार भी पा चुकी हैं. अभी वे ईरानियन फिल्मकार मजीद मजीदी की फिल्म ‘बियांड द क्लाउड’ भी कर रही हैं. जैसा कि आपको पता है उन्हें जहानु बरूआ के भतीजे मंजुल बरूआ निर्देशित असमी फिल्म ‘अंतरीन’ के लिए ‘प्राग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल’ में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिल चुका है.
अपने करियर के बारे में उर्मिला कहती हैं कि मेरी पहली हिन्दी फिल्म “मांझी द माउंटेन मैन” थी. फिल्म चक्कलसपुर में मैंने गांव की लड़की चंपा का किरदार निभाया था, जिसे बहुत तारीफ मिली. वे कहती हैं कि मेरे करियर की शुरुआत थियेटर से हुई है. मुझे सबसे पहले एक तमिल फिल्म में काम करने का मौका मिला था, उसके बाद कई टीवी विज्ञापन में काम किया. धीरे-धीरे फिल्म में काम करने का ऑफर मिलने लगा. अक्षय कुमार के साथ मेरी फिल्म फिल्म “पैन मैन” आने वाली है. अभी एक मलयालम फिल्म का भी ऑफर मिला है. उर्मिला कहती हैं कि मेरी दिली तमन्ना है कि मैं एक दिन बिग बी के साथ काम करूं. एक बार ‘बादशाह’ शाहरुख खान के साथ भी कोई रोल मिल जाये, जरूर करूंगी. मलयालम फिल्म उडाल के अलावा एक बंगला व कुछ असमी फिल्में भी कर रही हूँ. हिंदी में संजय मिश्रा के साथ एक फिल्म कर रही हूं.
उर्मिला कहती हैं कि ‘विराम’ एक ऐसी लड़की की कहानी है, जो कई तरह की परिस्थितियों का सामना कर एक मुकाम हासिल करती है, इसलिए इस फिल्म का नाम विराम है. यह मेरे किरदार मातुल की यात्रा है. परिस्थितियों के अनुसार मातुल के शेड्स बदलते हैं. सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो यह एक प्रेम कहानी वाली फिल्म है. युवा लड़की मातुल एक 55 साल के उद्योगपति से प्रेम करती है, जिसकी पत्नी की मौत हो चुकी है. प्रेम में इतनी ताकत होती है कि वह लोगों को बदल देता है. अच्छे लोग बुरे हो जाते हैं और बुरे लोग अच्छे हो जाते हैं.
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‘विराम’ में दिखेगा प्यार में कितनी ताकत होती है : उर्मिला महंता
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- August 11, 2017
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