कुछ दिन पहले नेशनल कमिशन फॉर वुमन ने डायरेक्टर के खिलाफ एक नोटिस जारी किया था जिसमें कहा गया था कि महेश भट्ट एक ऐसी संस्था का प्रमोशन कर रहे हैं जिस पर पहले से ही सेक्शुअल हरासमेंट का केस चल रहा है. डायरेक्टर महेश भट्ट ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और एक स्टेटमेंट जारी कर सफाई दी.
महिला आयोग ने इस जवाब को ट्विटर पर साझा किया है. अपने जवाब में महेश भट्ट ने कहा कि उनके नाम और फोटो का ग़लत इस्तेमाल किया गया है. महिला आयोग आईएमजी वेंचर्स नाम की एक कंपनी पर लगे महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहा है. आयोग ने महेश भट्ट, उर्वशी रौतेला, ईशा गुप्ता, रणविजय सिंह, मौनी रॉय और प्रिंस नरूला को इस मामले में नोटिस भेजा था.
अब इस मामले में महेश भट्ट ने लिखा- मैं नेशनल कमिशन फॉर वुमन को सैल्यूट करता हूं कि उन्होंने ऐसी कुछ संस्थाओं को चिन्हित कर उन पर कड़ाई की है जो इंडस्ट्री में महिलाओं संग यौन उत्पीड़न को बढ़ावा देती हैं और इंडस्ट्री का नाम खराब करती हैं. इसके लिए मैं नेशनल कमिशन फॉर वुमन का आभारी हूं. मैं आज अपने ऊपर लगे एलिगेशन के संदर्भ में कमिशन के समक्ष हाजिर हुआ. IMG वेंचर ने नवंबर 2020 में अपने प्रमोशनल इवेंट मिस्टर और मिसेज ग्लैमर, 2020 में मेरा नाम का इस्तेमाल किया और मुझे अमंत्रण दिया कि मैं इवेंट का हिस्सा बनूं. इसी के संदर्भ में मुझे कमिशन के सामने हाजिर होना पड़ा.
महेश भट्ट आयोग के समक्ष हाज़िर हुए और अपना जवाब दाख़िल किया। उन्होंने कहा कि मुझे मुख्य अतिथि के तौर पर इवेंट में आमंत्रित किया गया था, मगर मैंने कोविड-19 के मद्देनज़र शामिल होने से मना कर दिया था. नवम्बर के आस-पास का मैंने समय दिया था, अगर हालात ठीक हों. मैंने किसी तरह का कॉन्ट्रेक्ट साइन नहीं किया था. मेरी फोटो सोशल मीडिया से लेकर मेरी अनुमति के बिना इस्तेमाल कर ली गयीं। जब मैंने इस पर आपत्ति जताई तो उन्होंने माफ़ी मांगते हुए इवेंट से मेरी फोटो हटा दीं.
महिला आयोग ने जानकारी दी कि मंगलवार को ऑनलाइन सुनवाई के ज़रिए सभी के बयान दर्ज़ किये गये हैं. हालांकि मौनी रॉय और उर्वशी रौतेला ने कई बार सूचित करने के बावजूद सुनवाई अटेंड नहीं की.