Birthday Special: ‘मुगल-ए-आजम’ की ‘अनारकली’ जिसकी मोहब्बत और खूबसूरती को कभी नहीं भुलाया जा सका
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Birthday Special: ‘मुगल-ए-आजम’ की ‘अनारकली’ जिसकी मोहब्बत और खूबसूरती को कभी नहीं भुलाया जा सका

हिंदी सिनेमा जगत की सबसे खूबसूरत अदाकारा मधुबाला जिन्होंने सिनेमा के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। आज मधुबाला की 87वीं जयंती है।

14 फरवरी 1933 को दिल्ली में जन्मीं मधुबाला बचपन में मुमताज जहां देहलवी के नाम से जानी जाती थीं। उनके पिता का नाम अताउल्लाह और मां का नाम आयशा बेगम था। मधुबाला ने महज 6 साल की उम्र में बम्बई से अपने फ़िल्मी करियर में अपने कदम रख दिए थे, वो अकेले ही अपनी कमाई से माता-पिता समेत अपने 11 भाई-बहनों का खर्च उठाती थी। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 1942 की फिल्म ‘बसंत’ से की थी। हिंदी सिनेमा में कदम रखने के बाद उन्होंने मुगल-ए-आजम, चलती का नाम गाड़ी, मिस्टर एंड मिसेज 55 जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया। लेकिन अफसोस मधुबाला की पूरी जिंदगी का सफर महज 36 साल का ही रहा।

वैलेंटाइंस डे वाले दिन जन्मीं मधुबाला बचपन से ही सिनेमा में काम करने की तमन्ना थी। मधुबाला ने उस समय के सफल अभिनेता अशोक कुमार, रहमान, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया था। वर्ष 1950 के दशक के बाद उनकी कुछ फिल्में असफल भी हुईं। असफलता के समय आलोचक कहने लगे थे कि मधुबाला में प्रतिभा नहीं है बल्कि उनकी सुंदरता की वजह से उनकी फिल्में हिट हुई हैं।

कई फिल्में फ्लॉप होने के बाद 1958 में उन्होंने एक बार फिर अपनी प्रतिभा को साबित किया और उसी साल उन्होंने भारतीय सिनेमा को ‘फागुन’, ‘हावड़ा ब्रिज’, ‘काला पानी’ और ‘चलती का नाम गाड़ी’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं।

इसी बीच साल 1951 में आई फिल्म ‘तराना’ के सेट से मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी की शुरुआत हुई लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्ला खान दोनों के रिश्ते के सख्त खिलाफ थे। दोनों के रिश्ते में परेशानी तब आई जब मधुबाला और दिलीप कुमार बीआर चोपड़ा की फिल्म ‘नया दौर’ की शूटिंग 40 दिनों तक आउटडोर होनी थी, लेकिन उनके पिता इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हुए। इसकी वजह मधुबाला की बिगड़ी सेहत बताई जाती है।

दरअसल, आउटडोर शुटिंग पर न जाने के कारण बीआर चोपड़ा ने उनकी जगह वैजयंतीमाला को साइन कर लिया। मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को साइन किए जाने का यह मामला इतना बिगड़ा कि यह कोर्ट तक पहुंच गया। इसके साथ ही दोनों की प्रेम कहानी भी अदालत पहुंच गई। इस दौरान दिलीप कुमार ने फिल्म के डायरेक्टर का साथ दिया और मधुबाला के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी। दिलीप कुमार की इस गवाही के बाद दोनों की प्रेम कहानी में कभी न मिटने वाली दूरी पैदा हो गई। दोनों एक-दूसरे के लिए बिल्कुल अजनबी बन गए। दिलीप कुमार के साथ प्यार में नाकामी मिलने के बाद मधुबाला ने किशोर कुमार के साथ शादी कर ली

1960 के दशक में पता चला कि मधुबाला के दिल में छेद है। यहाँ तक की डॉक्टर ने भी कह दिया कि ऑपरेशन के बाद भी वह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगी. इसी दौरान उन्हें अभिनय छोड़ना पड़ा। 1969 में मधुबाला अपना 36वां जन्मदिन मनाने के नौ दिन बाद 23 फरवरी,1969 को बेपनाह हुस्न की मल्लिका दुनिया को छोड़कर चली गईं….

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