कोरोना वायरस के कहर के कारण लंबे समय से बंद सिनेमाघरों में थोड़ी रौनक लौटी ही थी कि बड़े बजट की फिल्म को अभी रिलीज नहीं किए जाने की खबर से फिल्मी फैंस को बड़ा झटका लगा है। ‘बेलबॉटम’ (Bell Bottom) और ‘चेहरे’ (Chehre) की वजह से सिनेमाघरों में रौनक लौट रही थी ‘केजीएफ2’ (KGF2) की नई रिलीज डेट अनांसमेंट से सबको शाॅक लग गया। फिलम मेकर्स ने ऐलान कर दिया कि वो इस साल नहीं, बल्कि अगले साल 14 अप्रैल को आएंगे। वहीं, आरआरआर (RRR) के बारे में भी खबर है कि वह भी अगले साल ही रिलीज होगी।
फिल्मी पंडितों को लग रहा था कि ‘केजीएफ2’ अगले महीने 10 सितंबर को रिलीज होगी, पर यह अब नहीं हो रहा। अब पूरे सितंबर महीने में हॉलीवुड की फिल्म ‘फास्ट एंड फ्यूरियस9’ और थलाईवी ही सिनेमाघरों में रिलीज होती नजर आ रही है। अक्टूबर में दशहरे की तारीख खाली रह सकती है। वह इसलिए कि एक तो ‘आरआरआर’ अगले साल ईद पर जा चुकी है, जबकि अजय देवगन वाली ‘मैदान’ अभी तैयार नहीं है। जानकारों के अनुसार,’ ‘केजीएफ2’ के आगे खिसकने का असर आगे ‘थलाईवी’, ‘जर्सी’, ‘भूल भुलैया2’ आदि पर पड़ेगा। वो भी अपनी फिल्मों को इस साल शायद ही रिलीज करें। आपके लिए बुरी खबर सह हो सकती है कि सितंबर में एक भी फिल्म देखने को न मिले। हॉलीवुड की ‘फास्ट एंड फ्यूरियस9’ के जो तीन सितंबर को आ सकती है और थलाईवी।
ट्रेड एनैलिस्ट तरण आदर्श ने ‘केजीएफ2’ के टलने को लेकर कहा है किएक तो फिल्म के पोस्ट प्रॉडक्शन का काम पूरा नहीं हुआ था। दूसरा यह कि मेकर्स इसके लिए बॉकस ऑफिस पर ओपन विंडो चाहते थे। वह इस दीवाली, क्रिसमस, गांधी जयंती पर आने से पूरा नहीं हो सकता था। ऐसे में उन्होंने अगले साल 14 अप्रैल की तारीख चुनी। अमूमन हर साल ट्रेड के लिहाज से अप्रैल से जून वैकेशन पीरियड होता है। तभी बड़ी फिल्में ओपन विंडो हासिल करने के लिए उस डेट पर आ रही हैं। रहा सवाल इस सितंबर का तो अब तक तो किसी हिंदी फिल्म की सिनेमाघर रिलीज की आधिकारिक घोषणा नहीं थी। सिवाय थलाईवी के।‘
‘केजीएफ2’ के लीड एक्टर यश के करीबियों के अनुसार मेकर्स ने रिलीज डेट आगे क्यों बढ़ाई, उसका जवाब हर किसी के पास है। यह एक ऐसी फिल्म है, जो सिनेमाघरों के लिए ही बनी है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके, वह मेकर्स को सुनिश्चित होना था। मौजूदा समय में सिनेमाघर पूर्ण क्षमता के साथ नहीं खुले हुए हैं। आगे कोविड की तीसरी लहर आने के आसार हैं हीं। लिहाजा सिनेमाघरों में दर्शकों की भीड़ जुटने की संभावना कम है। नतीजतन, फिल्म की लागत भारी भरकम 225 करोड़ की लागत निकलनी मुश्किल थी। अगले साल 14 अप्रैल तक कोविड की संभावित लहरों का असर खत्म हो जाएगा। तब भारी संख्या में लोग सिनेमाघरों में आएंगे।‘