लोगों की सेवा करना सोनू सूद के खून में है, इसलिए आज वे ‘मसीहा’ हैं!
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लोगों की सेवा करना सोनू सूद के खून में है, इसलिए आज वे ‘मसीहा’ हैं!

Sonu Sood (FILMYNISM)

लॉकडाउन (Lockdown) में हजारों लोगों की सेवा करते करते कब सोनू सूद (Sonu Sood) लाखों मजदूरों व उनके परिवारों के दिल के मसीहा बन गए, उन्हें भी नहीं पता। सोनू सिर्फ अभी हेलफुल नहीं हैं, सेवा करना उनके खून में है। आज सोनू सूद 47 साल के हो गए हैं। आइए जानते हैं ‘गरीबों का मसीहा’ कैसे बने सोनू।

सोनू सूद (Sonu Sood) का कहना है कि मैं लंगर बहुत लगाता रहा हूं आज तक। पैसे इकट्ठे कर मीठे जल के छबीले लगाते थे। वो चीज शुरू से ही थी। पेरेंट्स से ही सीखा था। मदर-फादर सब यही कहते रहे थे कि मदद करते रहो। जो भी हाथ आगे फैलाए उसकी तो यकीनन मदद करो। यह बचपन से करने की वजह से आज यहां तक आदतें बरकरार हैं। मुझे लगता है भगवान ने यह शक्ति प्रदान की है। मैं चाहता हूं कि वह आगे भी ऐसा ही जोश मुझमें भरता रहे और मैं यूं ही मदद करता रहूं। सोनू कहते हैं कि लॉक डाउन में मुझे लोगों का दर्द देखा नहीं गया और फिर लगा कि अभी मौका और जरूरत है इनके साथ आने की, इसलिए सेवा करना लगा।
अपने कॉलेज के दिनों में जन्मदिन सेलेब्रेशन पर सोनू कहते हैं कि मैं कॉलेज में जरा चुपचाप सा रहने वाला शख्‍स था, सबसे कारण यह कि उसी कॉलेज में मेरी मां प्रोफेसर थीं तो और ज्‍यादा डिसीप्लिन से चलता था। मेरी मदर जरूर कहा करती थीं कि उन स्‍टूडेंट्स की जरूर हेल्‍प्‍ किया करो, जो फीसेज अफोर्ड नहीं कर सकते। अगर वो किसी तरह का काम करना चाहते हैं तो उनकी जरूर हेल्‍प्‍ करो। तो मैंने वह जरूर ख्‍याल रखा है कि ऐसे ओकेजंस के अलावा बाकी दिनों में भी ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक जरूर पहुंच सकूं। आज भी वही कोशिश है। आज मेरे पेरेंट्स तो नहीं रहे, मगर मैं हमेशा इस चीज की गुहार लगाता रहा हूं कि मुझे गर्व है कि उन्‍होंने जो सीख दी, उनकी वजह से मैं यहां तक पहुंच पाया।
फिलहाल सोनू सूद बेरोजगार हो चुके लोगों की ज़िन्दगी पटरी पर लाने की मुहिम में लगे हैं। इसके लिए एक पोर्टल और ऐप शुरू किया गया है। सोनू कहते हैं कि जितने बड़े बड़े कॉरपोरेट्स हैं, उन सबसे टच में हूं। इन कम्पनीज को भी बड़ी तादाद में लोग चाहिए। हमारे पास बहुत लोग हैं, जिन्‍हें काम की तलाश है। जितने भी प्रवासी भाई हैं, उन सबको ब्‍लू कॉलर्ड जॉब, ह्वाइट कॉलर्ड जॉब मुहैया कराने हैं। उन्‍हें उनके मतलब के जॉब दिलवाने हैं। सोनू कहते हैं कि अगर हर कोई थोड़ा बहुत अपने समाज व आसपास के लिए कर दे, तो फिर कुछ और की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

Sonu Sood

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