कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। कुछ ऐसा ही मैथिली के साथ दिखा होगा, तभी तो इतनी कम उम्र में इतना नाम सबको नहीं मिला। जी हां, हम बात कर रहे हैं बिहार की लोकगायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) की। कम उम्र में ही मैथिली ने अपनी अलग पहचान बना ली है। ऐसी पहचान जो बिहार से लेकर विदेशों तक में भी शान से लिया जाता है।
लोकगायिका मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) अब बिहार या हिंदुस्तान तक ही सीमित नहीं रही हैं, वे विदेशों में भी अपने शोज कर रही हैं, और शायद यही वजह है कि उनकी फैन फाॅलोइंग करोड़ों में हो गई है। हालांकि जिस मैथिली को आज हर कोई जानता है या यूं कहें कि उसकी आवाज का हर कोई दीवाना है, एक वक्त यह भी था कि उसे अपनी काबिलियत प्रूव करनी पड़ रही थी। दरअसल, दिल्ली के एक स्कूल में जब मैथिली ने दाखिला लिया था, तब क्लास के बच्चे अंग्रेजी को लेकर उनका मजाक उड़ाते थे। एक इंटरव्यू में मैथिली ने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि ‘शुरुआत में मुझे स्कूल में कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। जब टीचर पढ़ा रहे होते थे या जब बच्चे इंग्लिश में मुझसे कुछ पूछते थे, क्योंकि जब वो समझते थे कि मैं बिहार से हूं तो जानबूझ कर मुझसे इंग्लिश में बात करते थे कि मैं क्या जवाब देती हूं।
मैथिली ठाकुर कहती हैं कि मुझे याद है कि जब एक दफे एक मैम ने मुझसे पूछा कि बेटा तुम्हारी बुक कहां हैं? मैंने कहा कि मैम मैं खोज रही हूं, मिल नहीं रहा। मेरी बात सुनकर क्लास में बैठा हर शख्स हंसने लगा था, बाद में मुझे पता चला कि दिल्ली में खोजना नहीं ढूंढना बोलते हैं।’
मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) कहती हैं कि हिंदी में ही कई ऐसी चीजें सीखीं जो उनके लिए नई थीं। उन्होंने बताया, ‘मैंने खुद को सुधारना शुरू किया, पढ़ाई अच्छी की ताकि सबके सामने कॉन्फिडेंट रह पाऊं। स्कूल में मेरे साथ जो होता था उसके बारे में मम्मी को बताती थी, पापा के सामने रोती थी कि आज ये हुआ, वो हुआ। रोने पर पापा शांत कराते थे और कहते थे कि जो ऐसा बोलते हैं, उन्हें बोलने दो, अपना काम करो।’ उन दिनों अगर मां-पापा ने मेरा साथ नहीं दिया होता तो शायद आज मैं जहां हूं, वहां नहीं पहुंच पाती। मैंने अपना लक्ष्य पाने के लिए कड़ी मेहनत की है।
10 साल की उम्र में मैथिली ठाकुर ने जागरण में गाना शुरू कर दिया था। जीटीवी के सिंगिंग रियलिटी शो, ‘सा रे गा मा पा, लील चैंप्स’ में भी हिस्सा लिया। आपको बता दें मैथिली ठाकुर ने इंडियन आइडल जूनियर में भी हिस्सा लिया था।
मैथिली ठाकुर (Maithili Thakur) को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रियता तब मिली जब उन्होंने ‘राइजिंग स्टार’ के पहले सीजन में हिस्सा लिया। शो में उनके गायन को काफी प्यार मिला और वो शो की रनर अप रहीं। मैथिली ठाकुर कहती हैं कि आज मैं जिस मुकाम पर पहुंची हूं, बहुत खुश हूं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी मुझे बहुत कुछ करना है, बहुत आगे जाना है। बिहार के बारे में मैथिली ने कहा कि बिहार की मिट्टी ऐसी है कि यहां पैदा हर शख्स अपने आपमें खास होता है। हालांकि यहां कुछ दिक्कते भी हैं, पर अब धीरे धीरे सब सही हो रहा है और यकीन मानिए अब बिहार का नाम गर्व से लिया जाता है। मैं भी गर्व से कहती हूं कि मैं बिहारी हूं।