बहुत जल्द ही अपने दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आऊँगा : हरविंदर मन्नकर
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बहुत जल्द ही अपने दर्शकों के लिए कुछ नया लेकर आऊँगा : हरविंदर मन्नकर

परमजीत।
बतौर काटूनिस्ट सफर का आगाज करने वाली अजीम शख्सियत हरविंदर मन्नकर आज स्क्रिप्ट लेखक व निर्देशक के तौर पर भी हिंदी सिनेमा जगत में विलक्षण पहचान कायम कर रहे है. मूल रूप से दिल्ली संबंधित व काटूनिस्ट और इंटरटेनमेंट शोज मेकर के तौर पर भी विलक्षण पहचान कायम करने में सफल रहे यह प्रतिभावान लेखक मोटू-पतलू के बाद अगले दिनों एक और बेहतरीन काटून सीरीज शेख चिल्ली के अलावा अन्य कई अहम इंटरटेनर शोज लेकर दर्शकों समक्ष हो रहे है. पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश :
अचानक कार्टून्सकी दुनिया से कैसे सांझ बनी?
कला किसी भी धर्म, जातीयता की मोहताज नही होती, बल्कि यह अपने आप क्रिएटिव सोच रखने वालों के जेहन में घर कर लेती है, सो मेरे साथ भी ऐसे ही हुआ, बचपन से ही कोलों से लकीरें खीचने की शौंक पैदा हो गया, जिनसे फर्शो पर बनाई तस्वीरें अहस्ता अहस्ता काटून रचने लगी और यही ललक आखिर एक दिन काटूनज के क्षेत्र में ले गई.
प्रोफोशनली शुरूआत किस तरह हुई?
आगाज मैगजीन से हुआ, 13-14 वर्ष का था, जब एक पत्रिका के लिएं पहला काटून छपा, जिसके लिएं उस समय 5 रूपएं इनाम सेवा फल तो मिला ही साथ ही ऐसी हौसला अफजाई भी हुई कि यह सफर पडाव दर पडाव उल्लेखयोग उपलब्धियां झोली डालता गया.
पहले पडाव की खास प्राप्तियां?
प्रमात्मा का शुक्रगुजार हूं कि काटूनर्ज की दुनिया में कदम रखने पश्चात हिंदुस्तान का पहला कामिकस शुरू करने का श्रेष्य भी हासिल हुआ, जिस दौरान अमर अकबर, भूतनाथ आदि कामिक्स सीरिज ने आपार लोकप्रियता का हकदार अपने आपकों बनाया, जिनसे मिले उत्साह से ही सीरियल लेखन , फिल्मी शोज, एड फिल्मज, जिंगल आदि तक का कामयाबी भरा रास्ता सर करने का भी गौरव भी हासिल हुआ.
कला क्षेत्र से संबंधित अब तक के ऐसे प्रोजोक्ट, जिनसे जुड जेहनी व क्रिएटिव तौर पर स्कून मिला हो?
मेरे लिएं हर लेखन वर्क जो चाहे काटून हो, शोज, फिल्मज यां सीरियल एक जनून की तरह रहा है , जिनके हर पडाव को मैने पूर्ण इन्जाँय किया है और इसी कारण हर प्रोजोक्ट के साथ बनती आ रही जीजान सांझ ही दी आर्ट स्टूडिओं के संस्थापक, मायापुरी फिल्म वीकली में क्रिएटिव डायरैक्टर, लोटपोट वीकली में चीफ काटूनिस्ट व वल्र्ड वाइड मलटी मीडिया में मैनेजिंग डायरैक्टर की जिम्मेवारियों से भी नवाजती आ रही है।
अब तक के सफर व सफलता से कितने सुतंष्ट है?
क्रिएटिव इंसान कभी भी अपने काम से सुतंष्ट नही होता, बल्कि आप जितना बेहतर करते जाएंगें,उतनी ही और अच्छा करने की सोच अपने मन व दिमाग पर हावी होती जाएंगी , हा खुद को गौर्वित जरूर महसूस कर रहा हूं कि करियर के इतने से पडाव दौरान ही स्क्रिप्ट लेखक के तौर पर 1500 से भी ज्यादा एड फिल्मज, फिकशन कार्यक्रम, शोज दूरदर्शन, जीटीवी व अन्य प्रमुख नेशनल चैन्लर्ज के लिएं लिखने का गौरव मिला, जिससे जो लेखन खुशी व स्कून मिला, उसे शब्दों में ब्यां नही किया जा सकता.
अब्दुल कलाम जी की और से आपकों गोल्ड मैडलिस्ट के सम्मान से नवाजा गया, कैसे हासिल हुआ यह सौभाग्य?
प्रमात्मा की इनायत रही कि देश की स्वोत्तम शख्सियत के तौर पर जाने जाते स्र्वीगय कलाम जी की बायोगाफ्री को रेखा चित्रों द्वारा बेहतरीन स्वरूप देने का फखर हिस्से आया, जिनकी श्री कलाम जी ने भरपूर प्रशंसा कर जहां शाबासी दी, वही गोल्ड मैडलिस्ट का सम्मान भी झोली डाला, जिस दौरान के क्षण्र ताउम्र अमुल्य व यादगारी पल रहेगें.
आगामी योजनाएं?
काटूनिस्ट क्षेत्र में सफलता का इतिहास रचने वाली मोटू-पतलू सीरिज के बाद शेखचिल्ली एंड फ्रेडज जल्द डिस्कवरी किडज चैनल्स का हिस्सा बनेगी, जिसके अलावा इंटरटेनमेंट शोज का देशो-विदेशों में सिलसिला जारी है, जिनके साथ कुछ अहम सीरियलज व फिल्म की भी रूपरेखा को अंतिम टच दे रहा हूं, जिन द्वारा फिर नए व दिलचस्प मनोरंजन का दीदार दर्शकों व चाहनें वालों को होगा.

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