उत्तरांचल के रानीखेत की हंसी वादियों से निकला मिडिल क्लास फैमिली का एक बंदा आज पर्दे पर ‘तमंचा’ लेकर धूम मचा रहा है। उसने कभी सोचा नहीं था कि एक दिन इस मुकाम तक पहुंचेगा। पर, कहते हैं सपने हर किसी को देखना चाहिए और उसे पूरा करने की कोशिश करो तो सारी कायानात आपका साथ देती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ कृष्णा सिंह बिष्ट (Krishna Singh Bisht) के साथ। कई फिल्मों में शानदार अभिनय कर चुके कृष्णा हालिया रिलीज वेबसीरीज ‘बेताल’ (Betaal) और ‘रक्तांचल’ (Raktanchal) को लेकर चर्चा में हैं।
फिल्मीनिज्म से खास बातचीत में कृष्णा बिष्ट (Krishna Bisht) कहते हैं कि मैं जब पांच साल का था, तभी दिल्ली आ गया था। मेरी पूरी पढाई दिल्ली में ही हुई है। पहाड़ की हंसी वादियों से मुंबई के मायानगरी तक के अपने सफर पर कृष्णा कहते हैं मेरे परिवार क्या पूरे खानदान में दूर-दूर तक कोई भी फिल्म दुनिया से नहीं था। मैं इकलौता शख्स हूं जो पर्दे पर आने की हिम्मत जुटा सका हूं। मेरा कोई गाॅडफादर भी नहीं है। पर अब जहां भी जैसा भी हूं, मस्त हूं और कोशिश करूंगा अपनों और अपने फैंस के दिल में हमेशा रहूं।
बात बात में कृष्णा कहते हैं कि मेरे फेवरेट एक्टर शाहरुख खान (Shahrukh Khan) हैं। लक कहिए कि मेरी हालिया रिलीज हुई वेबसीरीज ‘बेताल’ को किंग खान की कंपनी रेड चिलीज (Red Chillies Entertainment) ने ही प्रोड्यूस किया है। इस सीरीज में मैंने कौशल का किरदार निभाया है। मुझे शाहरुख भाई से मिलने का बहुत मन था और इस सीरीज के पूरे होने पर आयोजित रैपप पार्टी में उनसे मिलने का मौका भी मिल गया। दरअसल, वे जब आए तो सबने कहा शाहररुख भाई आ गए हैं। मैं जब उनसे मिलने गया, तो मेरे कपड़े भी उस समय भीगे हुए थे और दिख भी अजीब सा रहा था, पर भाई ने हंसते हुए मजाक करते हुए मेरी खूब तारीफ भी की।
रक्तांचल में ‘कट्टा’ बने कृष्णा सिंह बिष्ट की ‘कट्टागीरी’ तो बेहतरीन है । रंजिनी चक्रवर्ती के साथ पर्दे पर निभाया गया दोनों का ‘मासूम प्यार’ लोगों को खूब पसंद आ रहा है । कट्टा के रूप में कृष्णा की हो रही चर्चा पर वो कहते हैं बस किरदार दिल से निभाते हैं, अब जब लोगों को इतना पसंद आ रहा है तो ये मेरे लिए गर्व की बात है।
कृष्णा बिष्ट कहते हैं कि मैं अपनी आने वाली स्पेनिश फिल्म अलेक्स स्ट्रिप (Alex’s Strip) को लेकर एक्साइटेड हूँ। इस फिल्म के डायरेक्टर इरेन जोए अलमेडा हैं। इस फिल्म में भी मैंने एक विलन का ही रोल किया है। यह फिल्म 26 जून को रिलीज होने वाली है। दर्शकों को इस फिल्म में निभाया गया मेरा किरदार बहुत पसंद आएगा।
कोराना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच देशभर में हुए लाॅकडाउन (Lockdown) को लेकर कृष्णा बिष्ट (Krishna Bisht) कहते हैं कि जो भी हुआ उसे हम बेहतर तो नहीं कह सकते, पर सरकार ने इस विकट परिस्थिति में बेहतर काम किया है। थोड़ा बहुत परेशानी तो हुई, लोगों ने बहुत कुछ झेला है इस दौरान, पर फिर भी काम तो चल ही रहा है। एक बात और सिर्फ कोरोना ने ही इस दौरान कहर नहीं बरपाया है, तूफान, बारिश सबने लोगों को रुलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। पर, अब समय आ गया है कि हम सबको मिलकर एक साथ होना होगा और जरूरतमंदों की सेवा करनी होगी।
फिल्मीनिज्म से बातचीत में कृष्णा बड़े ही बेबाक अंदाज में कहते हैं कि मैं प्योर मिडिल क्लास फैमिली (Middle Class Family) से आता हूं और आपको भी पता है कि मिडिल क्लास को सपने देखने का कोई अधिकार नहीं है। मिडिल क्लास मतलब ही होता है एक फंसा हुआ आदमी। इनके बारे में बस यही बातें होती हैं कि फलाने के लड़के ने यह कर दिया, फलाने की बेटी की यहां शादी हुई या इसके साथ भाग गई। पर, कोई भी उनके सपने को नहीं दिखाता कि हां उस लड़के ने अपना सपना पूरा कर लिया। वह कुछ भी कर ले फलाने का लौंडा ही कहा जाता है।
कहते हैं कि जब आप अपने सपने को पूरा करने चलते हैं तो किस्मत भी न चाहते हुए भी साथ जरूर देती है। मेरे साथ भी कुछ वैसा ही हुआ, फुटबाॅल खेलता था, काॅलेज में भी अच्छा खेलता था, इस दौरान कुछ कनेक्शन बैठ गई, इसी दौरान मेरी टांग टूट गई, फुटबाॅल नहीं खेल सका और गिरते-पड़ते आज यहां तक पहुंच गया। दिल्ली से मुंबई। सड़क से पर्दे तक।
रक्तांचल (Raktanchal) में ‘कट्टा’ (Katta) का किरदार निभाकर इन दिनों खूब वाहवाही पा रहे कृष्णा कहते हैं कि जो लोग कभी मेरे बारे में ऐसी-वैसी बातें करते थे, अब वही लोग कहते हैं कि अरे तुमने कब कर लिया। क्या किया तुमने, कैसे पहुंचे। कृष्णा ने हंसते हुए अपने संघर्ष के दिनों का एक वाकया सुनाया। दरअसल, दिल्ली में मंडी हाउस से अपने घर आ रहा था। बस स्टाॅप से मेरा घर आधा किलोमीटर नजदीक है। मैं अजीब कपड़े में था उस दिन। जब मैं घर आया तो पीछे से पुलिस का एक जवान घर आया और मेरी मां से पूछा आपके घर में कोई आया है क्या। कोई गांजा पीने वाला जैसे लग रहा है, मां बोली अरे नहीं, वो तो मेरा बेटा है। मां फिर बोला, बेटा तेरी हालत कैसी हो गई है। क्या करते रहते हो दिन भर। वो दिन मुझे अब भी याद है। पर आज मां और मेरे अपने सारे लोग खुश हैं तब लगता है कि चलो अब कुछ अच्छा कर रहा हूं, जिसे लोग गर्व से बोलते हैं।
मोमबत्ती, विक्की डोनर, गोलियों की रासलीला-रामलीला, द एडवेंचर्स आफ हातिम, सुलेमानी कीड़ा, यू आर माई संडे, न्यूटन, चकल्लसपुर, मेरे पापा हीरो हीरालाल, प्वाइजन, जामुन में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके हैं। अभी हाल में रिलीज हुई दो सीरीज रक्तांचल और बेताल में कृष्णा सिंह के काम की खूब तारीफ हो रही है।
कृष्णा कहते हैं कि विशेष भट्ट के साथ भी मेरी एक फिल्म आ रही है। वह फिल्म पूरी हो चुकी है, बस ये कोरोना काल खत्म हो जाए तो यह मूवी रिलीज हो। इसके अलावा पाशा (Pasha), द ब्रेव चाइल्ड (The Brave Child) व भावी (Bhavi) पर भी काम चल रहा है, वहीं इश्क फितूरी में भी मेरा किरदार लोगों को बहुत पसंद आएगा।
कृष्णा कहते हैं कि पाशा (Pasha) से मुझे बहुत उम्मीदें हैं। यह एक रात की कहानी है, जब कई मर्डर होते हैं और सिर्फ एक ही शख्स बचता है जिसे अपनी बेगुनाही साबित करना पड़ता है। यह फिल्म वाकई बहुत पसंद आएगी लोगों को। इसकी शूटिंग में भी बहुत मजा आया, एक नया चैलेंज है।