बचपन से ही बाॅलीवुड का एक फैसिनेशन था इस लड़की में। जब भी बाॅलीवुड गाने सुनती थी या फिल्में देखती थी, तो खुद को पर्दे पर ही पाती थी। और फिर एक दिन वह अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कोलकाता से वाया पुणे मायानगरी मुंबई तक आ ही गई। हम बात कर रहे हैं अपने दम पर एक अलग मुकाम पा चुकीं अभिनेत्री रंजिनी चक्रवर्ती (Ronjini Chakraborty) की। हाल में रिलीज हुई वेबसीरीज ‘रक्तांचल’ (Raktanchal) व ‘लालबाजार’ (LalBazaar) में रंजिनी के काम को खूब तारीफें मिल रही हैं।
मेंस वर्ल्ड, पीए गल, नाॅटआउट, ओवरटाइम के बाद रक्तांचल व लालबाजार वेबसीरीज में काम करने बाद अपनी अब तक की जर्नी से रंजिनी बहुत खुश हैं वे कहती हैं कि अब और भी डिफरेंट किरदार को जीना चाहती हूं। बता दें कि बंगाली फिल्म आभाशीशे (Abosheshey) से अपना कॅरियर शुरू करने वाली रंजिनी ने टीयर्स ऑफ़ नंदीग्राम, फ्राॅम सिडनी विद लव, आईडी, आटोहेड, शेषकथा, टूम्बार्ड व सिम्बा से लेकर आर्टिकल 15 तक में रंजिनी ने जो भी किरदार मिला, उसमें बेहतरीन काम किया और इसलिए शायद इतने कम समय में ही इनके फैंस इन्हें बेहद प्यार करने लगे हैं।
एक्चुअली मेरी एक कजन सिस्टर है, जो पुणे में रहती है। उसने मेरे इस डिसीजन में बड़ा किरदार निभाया था। वो हमेशा मुझे इनकरेज करती थी। उसके कहने के बाद मैं भी खुद में एक एक्टर देखने लगी थी। उसी के मोटिवेशन से आज मैं यहां तक पहुंच पाई हूं और अपने सपने को पूरा करने में लगी हूं।
अब तक के सफर पर फिल्मीनिज्म के साथ खास बातचीत में रंजिनी कहती हैं कि हालांकि मुझे शौक तो बचपन से था, पर कभी लगा नहीं था कि बाॅलीवुड आ भी पाउंगी। एक्चुअली मेरी एक कजन सिस्टर है, जो पुणे में रहती है। उसने मेरे इस डिसीजन में बड़ा किरदार निभाया था। वो हमेशा मुझे इनकरेज करती थी। तुम बहुत आगे जा सकती हो, एक्टर बन सकती हो। उसके कहने के बाद मैं भी खुद में एक एक्टर देखने लगी थी। घर में भी कभी छोटे-मोटे फंक्शन में डांस वांस कर लेती थी, तो वह बहुत इंप्रेस होती थी और उसी के मोटिवेशन से आज मैं यहां तक पहुंच पाई हूं और अपने सपने को पूरा करने में लगी हूं।
रंजिनी कहती हैं कि मैं जब बारहवीं में थी, तब मैंने अपने पैरेंट्स से कहा कि मुझे एक्टर बनना है, तब वे लोग बहुत अचरच में आ गए थे। दरअसल, हमलोग बंगाली फैमिली से हैं। हमारे पूरे खानदान में कोई भी फिल्म से जुड़ा नहीं है, सब बस पढने लिखने वाले हैं। मेरे इस फैसले से सबको कहते हैं न धक्का लगा, कुछ वैसा ही फील हुआ था। काॅलेज के बाद पोस्टग्रेजुएशन करने का टाइम आया, तब पैरेंट्स ने कहा पहले पीजी कर लो, फिर देखेंगे एक्टिंग में जाना है या नहीं। इसी दौरान मैं थियेटर से जुड़ गई, जो मेरी लाइफ के लिए टर्निंग प्वाइंट रहा। क्योंकि थियेटर के दौरान ही मुझे लगा कि मुझे एक्टिंग में ही जाना चाहिए। वहां मैं इंग्लिश थियेटर करती थी। नाटक करते-करते एक अलग राह मिली। वहीं के हमारे ग्रुप के एक मेंबर को एफटीटीआई (FTTI) में दाखिला मिला। तब मुझे पता चला कि पुणे में फिल्म ट्रेनिंग के लिए एफटीटीआई नाम से एक इंस्टीट्यूट हैं, जहां से नासिर साहब, जया बच्चन, राजकुमार राव, ओमपुरी, शबाना आजमी आदि ग्रेजुएट हुए हैं। एक बात और मुझे लगा कि पापा-मम्मी मुझे ऐसे तो मुंबई जाने नहीं देंगे और अगर फिल्म कोर्स करने के बहाने जाउंगी तो कोई रोकेगा नहीं, इसलिए मैंने घर में बताया और सब मान गए। और जब पुणे आ गई तो मुंबई की राह खुद आसान हो गई।
रंजिनी कहती हैं कि अब जब यहाँ तक पहुंच गई हूं, तो लोग बहुत खुश हैं। जब लोग मेरा काम देखने लगे तक उन्हें विश्वास हो गया कि यह अनसर्टेन प्रोफेशन है, पर उन्हें लग रहा है कि जो भी हुआ अच्छा हुआ। जैसे एक लगता है न कि फिल्म में गई है तो लड़की बिगड़ जाएगी या कुछ कर नहीं पाएगी, पर आज जब मम्मी-पापा या मेरे रिलेटिव्स मेरी मेहनत और मेरे काम को देखते हैं, तब उन्हें लगता है कि मैंने अपनी पसंद से अपना बेहतर कॅरियर चुना है और इसमें वाकई बेहतर कर सकती हूं।
रणवीर सिंह के बारे में क्या कहूं। उनमें गजब की एनर्जी है। हमेशा मेहनत करते हैं और किरदार में डूबकर जीने की कोशिश करते हैं। एक ओपन हार्ट इंसान की जो क्वालिटी होती है, वह पूरी तरह से रणवीर में बहुत है। आयुष्मान खुराना भी बहुत हम्बल हैं।
आर्टिकल-15 और सिम्बा में दो बड़े स्टार के साथ काम कर चुकीं रंजिनी कहती हैं कि दोनों के साथ काम करके अच्छा लगा। रणवीर सिंह के बारे में क्या कहूं। उनमें गजब की एनर्जी है। हमेशा मेहनत करते हैं और किरदार में डूबकर जीने की कोशिश करते हैं। एक ओपन हार्ट इंसान की जो क्वालिटी होती है, वह पूरी तरह से रणवीर में बहुत है। सबसे बड़ी बात काम को लेकर हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहते हैं। एक तरह से बच्चे की तरह कुछ अच्छा करने की कोशिश करते रहते हैं और अपने साथ काम कर रहे लोगों के साथ एकदम मस्त अंदाज में रहते हैं। आयुष्मान खुराना भी बहुत हम्बल हैं। फिल्म की शूटिंग के दौरान हमारे साथ ही खाते थे, गप्पे करते थे हमलोग। वे बहुत अच्छे इंसान हैं।
रक्तांचल में कोलकाता से भागकर आना और कोलकाता की कहानी लालबाजार में रम जाना, आपके कोलकाता कनेक्शन की वाजिब कड़ी क्या है? इस पर रंजिनी कहती हैं कि लालबाजार तो बेसिकली कोलकाता की ही कहानी है। इसके सभी कलाकार कोलकाता के ही अच्छे व मंझे हुए कलाकार है। रही बात, रक्तांचल में मेरे कोलकाता से भागकर आने की कहानी तो वो कुछ मेरी बातों को ध्यान में रखकर सीन क्रिएट किया गया था।
रंजिनी कहती हैं और मैं अपने एफटीटीआई (FTTI) में सीनियर रहे राजकुमार राव के साथ जरूर काम करना चाहूंगी। यूं कहूं कि मैं एक बार सारे अभिनेता के साथ काम करना चाहूंगी। मेरी दिली ख्वाहिश है कि मैं किंग खान और अमिताभ बच्चन के साथ कभी न कभी जरूर काम करूं।
फिल्मीनिज्म से बातचीत में रंजिनी कहती हैं कि पहले मैंने लालबाजार की शूटिंग की थी। कोलकाता का जो इन्वायरमेंट है वो एकदम फैमिली लायक है। लालबाजार का जो मेरा कैरेक्टर है, वह मुझे बहुत अच्छी लगी थी। एक्चुअली वह ज्यादा बोलती नहीं है, पर उसे बहुत कुछ करना है। इसलिए उस किरदार में मुझे काम करके बहुत मजा आया। बहुत ही चैलेंजिंग रोल था। वहीं, रक्तांचल को हमलोगों ने बनारस में शूट किया था। बहुत मस्त जगह है। मेरी मानें तो बनारस जैसा कोई शहर है नहीं। सीरीज में मेरे रोल को लेकर थोड़ा इशू था कि विजय सिंह के साथ सीमा का किरदार कैसे आएगा? पर, कोलकाता से भागने के बाद जैसे-तैसे वहां पूर्वांचल पहुंचकर विजय सिंह की टीम में अच्छे से ला खड़ा कर दिया गया, जो लोगों को बहुत पसंद आया। दोनों सीरीज में हमने अच्छे लोकेशन पर काम किया।
रंजिनी चक्रवर्ती कहती हैं कि मुझे रणवीर सिंह के साथ फिर से काम करने का मन है। रणबीर कपूर के साथ भी मैं काम करना चाहती हूं। मुस्कुराते हुए रंजिनी कहती हैं और मैं अपने एफटीटीआई में सीनियर रहे राजकुमार राव के साथ तो जरूर काम करना चाहूंगी। यूं कहूं कि मैं एक बार सारे अभिनेता के साथ काम करना चाहूंगी। मेरी दिली ख्वाहिश है कि मैं किंग खान और अमिताभ बच्चन के साथ कभी न कभी जरूर काम करूं। बचपन से ही ये दोनों मुझे बहुत पसंद हैं और अब इनके साथ काम कर मैं खुद को लकी मानूंगी। अफसोस कि इरफान खान के साथ काम करना रह गया, जिसे मैं हमेशा मिस करूंगी। अब तक के किरदारों में रंजिनी को टूम्बार्ड का कैरेक्टर बहुत अच्छा लगा है। टूम्बार्ड में अपने काम को लेकर रंजिनी बहुत संतुष्ट हैं। वे कहती हैं कि उसमें मेरा कैरेक्टर हमेशा मेरे दिल के करीब रहेगा, क्योंकि वैसा वाला किरदार करने में बहुत मजा आता है जो आपसे बहुत दूर हो।
सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को लेकर दुखी रंजिनी ने कहा कि जो लोग डिप्रेशन से गुजर रहे हैं उनके लिए लाइफ को सर्वाइव करना बहुत मुश्किल होता है। उनके जाने के बाद सब बोल रहे हैं कि सब आगे आएं, ऐसे लोगों से कांटैक्ट बढाएं, उनसे बातें करें। मैं भी मानती हूं कि अगर हम मिलकर काम करें, एक-दूसरे से शेयर करें, तो बहुत हद तक ऐसे मामले कम हो सकते है। बाॅलीवुड में नेपोटिज्म के सवाल पर रंजिनी कहती हैं कि यह सिर्फ बाॅलीवुड में नहीं है, हर प्रोफेशन में है। आपको इसके जरिये किसी भी कलाकार को ब्रेक तो मिल सकता है, पर इसके बल पर सस्टेन नहीं कर सकते। आपको बस मेहनत करनी है, बाकी दर्शक अगर आपके साथ हैं तो आपको बड़ा स्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता है।
अभी मुझे बस अपने काम पर कंसन्ट्रेट करना है, अच्छे से अच्छे किरदार को परदे पर जीना है, ताकि दर्शक मुझे बेपनाह प्यार देते रहें।
अपने आगे की प्लानिंग के बारे में रंजिनी कहती हैं कि अभी कुछ फाइनल नहीं है, पर एक वेब शो है पर उसके बारे में अभी रिवील नहीं कर सकती हूं। रक्तांचल का पार्ट टू भी जल्द ही बनेगा, उस पर भी बात हो रही है। पर, अभी सबसे अहम है कि कोरोना वायरस के बाद जो देष दुनिया का हालत हो गई है, वह कबतक सही होता है। जब सबकुछ सही हो जाएगा, तभी और प्रोजेक्ट फ्लोर पर आएंगी और तब ही मैं आगे के बारे में अच्छे से बता पाउंगी। इस लाॅकडाउन में तो पहले तो अच्छा लगा था, क्योंकि इधर कुछ महीने मैं हमेशा सीरीज की शूटिंग को लेकर घूमती रहती थी, इसलिए फर्स्ट मंथ बहुत अच्छा लगा आराम करके। पर, उसके बाद घर के काम और बाकी चीजों में बोर होने लग गई। पर, अब घर से ही बहुत कुछ कर रही हूं। अब तो बस इंतजार है कि जल्दी से यह सब खत्म हो और काम स्टार्ट हो। अभी मुझे बस अपने काम पर कंसन्ट्रेट करना है, अच्छे से अच्छे किरदार को परदे पर जीना है, ताकि दर्शक मुझे बेपनाह प्यार देते रहें।