कोरोना वायरस ने बॉलीवुड और सिनेमाघरों को आमने-सामने ला दिया है. कोरोना ने बाकी सभी इंडस्ट्री की तरह फिल्म इंडस्ट्री को भी मुसीबत में डाल दिया है. सभी फिल्मों की शूटिंग रुकी हुई है और कई फिल्मों की रिलीज टलती जा रही है.
जहां एक तरफ लॉकडाउन के चौथे फेज में सरकार कई सेक्टरों को खोलकर राहत दे रही है, वहीं कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में जब सोशल डिस्टेंसिंग खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है.
लॉकडाउन में लोगों के घर में फंसे रहने से ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स की व्यूवरशिप काफी बढ़ी है. इधर कई फिल्म को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर ही रिलीज किया जा रहा है. ऑनलाइन रिलीज होने वाली कुछ बड़ी फिल्मों में अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ शामिल है. वहीं अक्षय कुमार की हॉरर-कॉमेडी ‘लक्ष्मी बॉम्ब’ डिजनी+हॉटस्टार पर रिलीज होने के लिए तैयार है.
मीडिया में आई एक रिपोर्ट की बात करें तो फिल्म प्रोड्यूसर्स और सिनेमाघरों के बीच की खींच-तान भी कोई बिलकुल नई बात नहीं, बल्कि फिल्म व्यवसाय का एक बड़ा हिस्सा है. थिएटर कभी कम पैसे में फिल्म के राइट्स खरीदने या फिल्म चलाने के लिए कंटेंट में बदलाव या फिर एक्शन, डांस या सेक्स सीन बढ़ाने की भी डिमांड करते रहे हैं.
वहीं छोटे बजट की फिल्में और आर्ट सिनेमा थिएटर के अलावा दूसरे विकल्प तलाशता ही रहा है. ऐसे में इन फिल्मों के लिए ओटीटी के जरिए उन्हें अपने लिए बेहतर प्लैटफॉर्म एक बढ़िया विकल्प है. हालांकि ओटीटी उसमें ज्यादा बदलाव ला पाएंगे ऐसा मुमकिन नहीं.
ये कहना गलत नहीं कि भारत में आज भी ज्यादातर फिल्में बड़े पर्दे को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती हैं. लेकिन अभी के हिसाब से फास्ट फॉर्वर्ड और रीवाइंड कर मूवी देखने का अनुभव धीरे-धीरे ओटीटी के लिए नया मार्केट कारगर साबित हो सकता है.