अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मामले में उनके करीबी दोस्त सिद्धार्थ पिठानी ने नया और चौंकने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा है रिया चक्रवर्ती जब से सुशांत सिंह राजपूत की जिंदगी में आईं तबसे उनकी जिंदगी पूरी तरह से पलट गई थी। फिर एक समय ऐसा आया जब सुशांत अकेले पड़ गए थे।
दरअसल एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक उनके पास सिद्धार्थ के बयान की जानकारी है। रिपोर्ट के मुताबिक सिद्धार्थ ने अपने बयान में बताया कि साल 2019 के बाद सुशांत की जिंदगी में चीजें बदलने लगी पिछले साल अगस्त के बाद से सुशांत का काम में मन लगना बंद हो गया था और वह ज्यादा समय रिया चक्रवर्ती के साथ बिताने लगे थे।
Read Also : करीबी दोस्त का दावा सिर्फ दवाइयों का ओवरडोज़ ही नहीं, तंत्र-मंत्र का रिया लेती थी सहारा
मीडिया रिपोट्स के अनुसार सिद्धार्थ पिठानी ने सीबीआई से पूछताछ में यह भी बताया है कि रिया चक्रवर्ती सुशांत सिंह राजपूत का क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करती थीं। सिद्धार्थ पिठानी ने कहा कि कुछ समय बाद वह अपने घर हैदराबाद चले गए थे और वहीं नौकरी कर रहे थे, लेकिन जनवरी 2020 में एक दिन उनके पास सुशांत सिंह राजपूत का कॉल आया। कॉल पर उन्होंने सिद्धार्थ से कहा कि वह अभिनय की दुनिया छोड़ने वाले हैं और अपना ड्रीम प्रोजेक्ट 150 शुरू करने वाले हैं।
सिद्धार्थ ने बयान में बताया, रिया ने सबसे पहले उन्हें जनवरी में छोड़ा था। फिर कुछ दिन बाद रिया वापस आ गईं। जनवरी के आखिरी हफ्ते में सुशांत ने कहा कि उन्हें अपनी बहन नीतू के पास जाना है। हम वहां पहुंचे तब सुशांत की तबीयत ठीक थी। वहां रहने के बाद फिर हम वापस मुंबई लौटे। सुशांत फिर अच्छा महसूस करने लगा था। वह वर्कआउट करता था। सुशांत ठीक महसूस कर रहा था तो उन्होंने दवाई लेनी बंद कर दी।
Read Also : सिद्धार्थ पिठानी पर रिया चक्रवर्ती को लगातार बचाने का आरोप, सुशांत के फ्लैट से मिटा रहा सारे सबूत
अप्रैल महीने के आखिरी हफ्ते में सुशांत की तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। वह हमसे दूर रहने लगा लेकिन तब रिया उनके साथ थी। सुशांत की तबीयत जून महीने के पहले हफ्ते में और बिगड़ गई। वह अकेले ही रूम में रहने लगा, हमारे साथ बात करना भी बंद कर दिया था इसलिए हम सब ने रिया और सुशांत को अकेले छोड़ दिया। पूरे लॉकडाउन में रिया सुशांत के साथ ही थी।
सिद्धार्थ ने आगे बयान में बताया, 8 जून की रिया 11.30 बजे अपना बैग पैक करके घर चली गई। रिया ने मुझ से सुशांत का ख्याल रखने के लिए कहा। कुछ देर बाद सुशांत की बहन मीतू घर आईं। मीतू दीदी जब घर पर थीं तब सुशांत पुरानी बातों को याद करके रोने लगते थे। 12 जून को मीतू दीदी वह वापस अपने घर चली गईं।
14 जून की सुबह 10-10.30 के बीच मैं हॉल में अपना काम कर रहा था और 10.30 बजे के करीब केशव ने मुझसे कहा कि सुशांत सर दरवाजा नहीं खोल रहे। मैंने दिपेश को बुलाया और हम दोनों ने जाकर दरवाजा खटखटाया लेकिन सुशांत ने दरवाजा नहीं खोला। तभी मुझे मीतू दीदी का फोन आया और मैंने मितू दीदी को घर बुलाया।
Read Also : सुशांत की पोस्टमॉर्टम में जल्दीबाजी और रिया का मुर्दाघर जाना,जुड़ा है कोई आपस में कनेक्शन?
मैंने गूगल से रफीक चाबीवाले का नंबर निकालकर दोपहर 1.06 मिनिट पर कॉल किया। उसने मुझसे 2000 रुपये मांगे। रफ़ीक के कहने पर मैंने उसे लॉक का फोटो और घर का पता भेजा। दोपहर 1.20 मिनिट पर रफीक अपने एक साथी के साथ वहां पहुंचा। उसने लॉक देखकर चाबी नहीं बनने की बात कही तो मैंने उसे लॉक तोड़ने के लिए कहा। रफीक ने लॉक तोड़ा और मैंने उसे पैसे देकर जाने के लिए कहा।
ख़बरों में उसने आगे बताया कि सिद्धार्थ और दिपेश, सुशांत के कमरे में गए। वहां अंधेरा था, दिपेश ने कमरे की लाइट जलाई तो उन्होंने सुशांत को हरे रंग के कपड़े से पंखे पर लटका हुआ पाया।