नाजिया अहमद।
भारतीय फिल्म उद्योग में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हिंदी फिल्म उद्योग को कुछ युवा प्रतिभाएं भी मिली हैं, जो सुंदर गीत लिखने में भी अच्छा काम कर रही हैं। हम बात कर रहे हैं उभरती हुई गीतकार (Lyricist) जोड़ी समशेर सिंह बेनियाज़ (Samsher Singh Beniyaaz) और रूबी फलक (Ruby K Falak) के लिखे हुए गीत जो लोगो के दिलों को छूने के साथ साथ प्रेरणा भी देती हैं।
इस जोड़ी ने बिना किसी पहचान के अपने टैलेंट और मेहनत के बल पर ना सिर्फ भारत की सबसे बड़ी संगीत कंपनी टी-सीरीज बल्कि जी म्यूजिक, अल्ट्रा बॉलीवुड जैसे फेमस म्यूजिक लेबल्स के लिए गीत लिखे हैं। बिना किसी गॉडफादर के यह जोड़ी एक अलग मुकाम हासिल करने की कोशिश में है। इनके द्वारा लिखे कुछ हिंदी और पंजाबी नगमे जैसे नूर, हलकी फुलकी लोरियां, राधे राधे हरी हरी बोल, टुकड़े टुकड़े, रूह-ए-यारा, चिठियाँ, सागर जैसी खारी, अब्र,पाखी पाखी,जां वतन परस्ती,बंजारी यादें, नवाज़ दो और वजूद-ऐ-सबब जैसे गीत को ख़ास तौर पर युवाओं के बीच काफी पॉपुलर रहे।
![Shamsher Singh Beniyaaz and Ruby Falak](https://filmynism.com/wp-content/uploads/2020/07/Ruby-Falak.jpg)
आने वाले दिनों में इस जोड़ी के कई खूबसूरत गाने आपके दिल को सुकून देने वाले हैं। धुप का रंग, कारवां, तू बना अपना रास्ता, इंतज़ार, खुल गया है, रोज़ तुझसे, कशिश जैसे गाने जल्द ही सुनने को मिलेंगे।
कहते हैं एक से भले दो इस जोड़ी की कार्य शैली भी कुछ ऐसी ही है, एक ओर जहां रूबी फलक मार्केटिंग और पब्लिक रिलेशन्स संभालती हैं तो वही दूसरी ओर समशेर सिंह बेनियाज़ नगमे लिखते हैं, साथ ही कुछ प्रोजेक्ट्स में रूबी उन्हें असिस्ट भी करती है। हाल ही मे समशेर सिंह बेनियाज़ ने अब अपनी ग़ज़लों की किताब “ग़ज़ल फिर से” का काम पूरा किया है, जिनमें उनके द्वारा लिखे 101 ग़ज़लें प्रकाशित होंगी।